Santiago Martin case: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक आदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सैंटियागो मार्टिन और उनकी कंपनी से जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सामग्री तक पहुंचने और उसकी प्रतिलिपि बनाने से रोक दिया है. यह आदेश नवंबर में लॉटरी किंग के रूप में प्रसिद्ध सैंटियागो मार्टिन, उनके रिश्तेदारों और कर्मचारियों पर की गई तलाशी के संदर्भ में जारी किया गया.
ईडी ने मेघालय पुलिस की शिकायत पर छह राज्यों में 22 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. आरोप था कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य के लॉटरी व्यवसाय पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. तलाशी में 12.41 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए.
फ्यूचर गेमिंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी दानदाता रही है. 2014 और 2019 के बीच, कंपनी ने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे. तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़, डीएमके को 503 करोड़, वाईएसआर कांग्रेस को 154 करोड़ और भाजपा को 100 करोड़ रुपये का दान दिया गया. जस्टिस अभय एस. ओका और पंकज मिथल की बेंच ने आदेश दिया कि ईडी डिजिटल उपकरणों से डेटा निकालने के लिए समन जारी नहीं कर सकता. साथ ही जब्त सामग्री तक ईडी की पहुंच पर अनिश्चितकालीन रोक लगा दी गई.
फ्यूचर गेमिंग द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि डिजिटल उपकरणों पर संग्रहीत जानकारी अत्यधिक व्यक्तिगत और संवेदनशील होती है. जिसमें वित्तीय डेटा, मेडिकल रिकॉर्ड और व्यावसायिक रणनीतियां शामिल होती हैं. ईडी के अधिकारियों ने आदेश को अभूतपूर्व बताया, लेकिन कहा कि यह उनके लिए बड़ा झटका नहीं है क्योंकि उनके पास मार्टिन और उनकी कंपनी के खिलाफ अन्य मजबूत साक्ष्य हैं.
अधिकारियों ने बताया कि फ्यूचर गेमिंग समूह की 622 करोड़ रुपये की संपत्तियां पहले ही जब्त की जा चुकी हैं. कंपनी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि ईडी की कार्रवाई निजता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी सहित वकीलों ने कहा कि फ्यूचर गेमिंग ने अब तक 28,205 करोड़ रुपये का जीएसटी चुकाया है. जो उनके व्यवसाय की वैधता को दर्शाता है.