ओडिशा में पीएमएवाई-ग्रामीण के लिए सर्वेक्षण 24 जनवरी से शुरू होगा: मंत्री

भुवनेश्वर: पंचायती राज मंत्री रबी नारायण नाइक ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)--ग्रामीण के लाभार्थियों की पहचान के लिए ओडिशा में 24 जनवरी से सर्वेक्षण शुरू होगा. पत्रकारों से बात करते हुए नाइक ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य करीब दो महीने में पूरा होने की संभावना है.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: social media

भुवनेश्वर: पंचायती राज मंत्री रबी नारायण नाइक ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)--ग्रामीण के लाभार्थियों की पहचान के लिए ओडिशा में 24 जनवरी से सर्वेक्षण शुरू होगा. पत्रकारों से बात करते हुए नाइक ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य करीब दो महीने में पूरा होने की संभावना है.

उन्होंने कहा, ‘‘पात्र व्यक्ति पीएमएवाई के तहत घर पाने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किए जा सकते हैं. इस उद्देश्य के लिए एक पोर्टल भी शुरू किया जाएगा.’’

नाईक ने कच्चे घरों में रहने वाले गरीब लोगों से इस योजना के तहत आवास के लिए आवेदन करने की अपील की.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में इस योजना से करीब 18 लाख नए लाभार्थियों के जुड़ने की उम्मीद है. हालांकि, यह संख्या बढ़कर 20 से 22 लाख हो सकती है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ग्रामीण आवास योजनाओं के लिए पात्र परिवारों की पहले कोई उचित सूची तैयार नहीं की गई थी. इसलिए हम बिना किसी भेदभाव के सभी पात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण कर रहे हैं.’’

मंत्री ने कहा कि योजना के अंतर्गत अधिकतम परिवारों को शामिल करने के लिए पीएमएवाई दिशानिर्देशों में भी ढील दी गई है.

उन्होंने कहा, ‘‘अब दोपहिया वाहन और ‘रेफ्रिजरेटर’ रखने वाले तथा 15 हजार रुपये प्रति माह तक कमाने वाले परिवार ग्रामीण आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं.’’

नाइक ने कहा कि जिन परिवारों के घर आग्निकांड, हाथियों के हमले या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें अंत्योदय गृह योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सर्वेक्षण के दौरान कोई पात्र परिवार छूट जाता है तो उसे अंत्योदय गृह योजना में शामिल किया जाएगा.’’

अगस्त 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच वर्षों यानी 2029 तक पीएमएवाई-ग्रामीण के तहत दो करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत केंद्र और राज्य के बीच सहायता 60:40 के अनुपात में साझा की जाती है.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

Tags :