Teachers’ Day 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक पुरस्कार समारोह से पहले राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के विजेताओं के साथ बातचीत की. यह बैठक शिक्षक दिवस समारोह से पहले हुई, जिसमें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. देशभर के 75 शिक्षकों को उनके अनूठे योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. यह शिक्षकों और अपने छात्रों के जीवन को आकार देने में उनकी भूमिका को समर्पित दिन है.
पीएम ने दी जानकारी
पीएम और शिक्षकों से मुलाकात की जनाकारी पीएमओ से मिली. जिसमें पीएम ने लिखा कि ‘हमारे देश के शिक्षकों से मुलाकात हुई, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. युवा दिमागों को आकार देने के प्रति उनका समर्पण और शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता बहुत प्रेरणादायक है. अपनी कक्षाओं में, वे भारत के युवाओं के लिए एक उज्जवल भविष्य की पटकथा लिख रहे हैं.’
जानकारी के अनुसार, शिक्षकों को ये पुरस्कार 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देंगी. विजेताओं में 50 स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों के 13 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल हैं.
शिक्षकों के प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता प्रमाण पत्र, 50,000 का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया जाता है. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, इसके साथ ही छात्रों के जीवन को भी सही दिशा दी है.
शिक्षक दिवस की कैसे हुई शुरुआत?
सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 में जब भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे, उस वक्त उनके छात्रों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया. राधाकृष्णन जन्मदिन मनाने के लिए तो मान गए. लेकिन उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर जोर देते हुए इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाने की बात रखी. तभी से हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व को और समाज में उनके योगदान के लिए शिक्षक दिवस देश भर में मनाया जाता है.