jammu kashmir: जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के कृष्णाघाटी इलाके में शुक्रवार (12 जनवरी) को आतंकियों की तरफ से आतंक की एक और खबर सामने आई है. बता दें कि आतंकियों की तरफ से सुरक्षाबलों के काफिले पर फायरिंग की है. हालांकि राहत की बात यह कि इस घटना में किसी भी जनहानि की कोई सूचना नहीं है. वहीं इस वारदात के बाद सुरक्षाबलों की ओर से तलाश अभियान शुरू किया गया है.
इस बीच घटना को लेकर व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पल्टफॉर्म एक्स पर लिखा कि आज (12 जनवरी) लगभग 18:00 बजे, कृष्णाघाटी, पुंछ सेक्टर के पास एक जंगल से संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के वाहनों के एक काफिले पर गोलीबारी की गई. इस दौरान हमारे सैनिकों को कोई हताहत नहीं हुआ. इस बीच भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस की तरफ से संयुक्त तलाशी अभियान जारी है.
At around 1800h today, a Security Forces convoy of vehicles was fired upon by suspected terrorists from a jungle near Krishna Ghati #Poonch sector. No casualties to own troops. Joint search
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) January 12, 2024
Operations by #IndianArmy and #JKP are in progress.@adgpi @NorthernComd_IA pic.twitter.com/jR0ytWRy88
इस दौरान अधिकारियों की तरफ से जानकारी दी गई कि जिन वाहनों पर आतंकियों की तरफ से हमला किया गया, वे सुरक्षाकर्मियों को वापस कैंप में ले जा रहे थे. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत कई बड़े ऑफिसर बार-बार आतंकियों की तरफ से होने वाले हमलों से निपटने के लिए रणनीति बनाने के लिए पुंछ मौजूद हैं. बता दें, कि नए साल में आतंकवाद विरोधी अभियान योजना तैयार करने के लिए उपेंद्र द्विवेदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद यह वारदात सामने आई है.
बता दें, कि इससे पहले बीते वर्ष 21 दिसंबर 2023 को भी जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों द्वारा घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला किया गया था. जिसमें सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे. यह हमला ऐसे समय पर किया गया था जब वाहनों से जवानों को घेरा और तलाशी अभियान स्थल के लिए ले जाया जा रहा था.
आतंकियों ने सूरनकोट पुलिस थाने के अंतर्गत धेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर एक अंधे मोड़ पर दिन के करीब पौने चार बजे इस वारदात को अंजाम दिया था. इस घटना की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी.