डीईआरसी चेयरमैन पर 11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई, मंत्री सौरभ भारद्वाज बोले- डीईआरसी पर कब्जा क्यों चाहती है केंद्र सरकार?

देश के राजधानी में दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेट्री कमीशन (DERC) चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में इस केस पर सुनवाई शुरू हुई, हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने DERC के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार का शपथ ग्रहण एक हफ्ते के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट […]

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देश के राजधानी में दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेट्री कमीशन (DERC) चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में इस केस पर सुनवाई शुरू हुई, हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने DERC के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार का शपथ ग्रहण एक हफ्ते के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एलजी वीके सक्सेना को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. इस मामले में दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि यह दिलचस्प है कि केंद्र सरकार दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग पर अपना अधिकार क्यों चाहती है?

केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति करना दिल्ली सरकार का काम है. बिजली की दरें तय करना दिल्ली सरकार का काम है. इसके बावजूद केंद्र क्या चाहता है? दिल्ली विद्युत नियामक आयोग में दखल देकर वो क्या करेंगे? क्या वह दिल्ली में बिजली की दरें महंगा करना चाहते हैं? क्या वह सब्सिडी बंद करना चाहते हैं? एलजी को अचानक क्यों लगा कि डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति केंद्र के मुताबिक की जानी चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डीईआरसी चेयनमैन की नियुक्ति चुनी हुई दिल्ली सरकार करेगी. फिर भी, एलजी विनय कुमार सक्सेना ने एक नया अध्यक्ष नियुक्त करने की कोशिश की है. मेरा मानना ​​है कि जिस तरह से एलजी बार-बार सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना ​​करने का प्रयास करते हैं, वह सिस्टम को चुनौती देने जैसा है.

सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि एलजी साहब ने धोखा देकर डीईआरसी चेयनमैन नियुक्त करने की कोशिश की है. उन्होंने पूर्व न्यायाधीश उमेश कुमार को चेयरमैन नियुक्त किया है. यह कानूनन गलत है. बता दें कि 21 जून को एलजी विनय सक्सेना ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज उमेश कुमार को डीईआरसी का चेयनमैन नियुक्त किया था, लेकिन अभी तक वो पद की जिम्मेदारी नहीं ले पाए हैं. इसकी पीछे मुख्य वजह दिल्ली के बिजली मंत्री का उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है. दूसरी तरफ माना जा रहा है कि डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच विवाद का नया विषय बन गया है.

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