सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में चल रहीं अरविंद केजरीवाल सरकार की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की गई. पहली याचिका दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन यानी DERC के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर थी और दूसरा मामला दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ था.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना मिलकर DERC के चेयरमैन का नाम तय करें. कोर्ट ने कहा कि एलजी और मुख्यमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं. इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से ऊपर उठना चाहिए. इसके साथ ही कहा कि आप दोनों को अवश्य ही साथ बैठना चाहिए और मिलकर आप DERC के नाम चुनें और हमें बताएं. कोर्ट पूरे अध्यादेश को चुनौती देने वाली दूसरी याचिका पर भी सुनवाई कर रही है, जिसमें वह नोटिस जारी करेगी और मामले को संविधान पीठ को भेजेगी. सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई गुरुवार यानी 20 जुलाई को करेगा.
बता दें कि उप-राज्यपाल ने 21 जून को उमेश कुमार को DERC का चेयरमैन नियुक्त किया था. 4 जुलाई को इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उमेश कुमार की शपथ ग्रहण पर रोक लगा दी थी. LG वीके सक्सेना ने शपथ ग्रहण के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उमेश कुमार का शपथ ग्रहण कराएं या फिर अरविंद केजरीवाल या उनका कोई मंत्री ये औपचारिकताएं पूरी करे. नहीं तो चीफ सेक्रेटरी को ये औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा जा सकता है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी किया था. अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिला था.
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