Tirupati Laddu Row: एसआईटी ने चार लोगों को किया गिरफ्तार, लड्डू में मिलावट को लेकर बड़ा खुलासा

तिरुपति लड्डू में मिलावट के मामले में सीबीआई के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई घी आपूर्ति में गड़बड़ी और धोखाधड़ी के खुलासे के बाद हुई है.  

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Courtesy: Social Media

Tirupati Laddu Row: श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले तिरुपति लड्डू में मिलावट के मामले में सीबीआई के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई घी आपूर्ति में गड़बड़ी और धोखाधड़ी के खुलासे के बाद हुई है.  

गिरफ्तार किए गए लोगों में विपिन जैन ( पूर्व निदेशक भोले बाबा डेयरी) , पोमिल जैन  (पूर्व निदेशक भोले बाबा डेयरी), अपूर्व चावड़ा  (वैष्णवी डेयरी) और राजू राजशेखरन (एआर डेयरी) का नाम शामिल है. रविवार रात को एक अधिकारी ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. विपिन जैन और पोमिल जैन भोले बाबा डेयरी से, अपूर्व चावड़ा वैष्णवी डेयरी से और राजू राजशेखरन एआर डेयरी से जुड़े हैं.

मामले की जांच में हुआ खुलासा

सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने घी आपूर्ति में कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया है, जिसके चलते ये गिरफ्तारियां हुईं. जांच में पाया गया कि वैष्णवी डेयरी के अधिकारियों ने मंदिर को घी आपूर्ति के लिए फर्जी निविदाएं हासिल कीं. निविदा प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए गए. वैष्णवी डेयरी ने झूठा दावा किया कि उसने भोले बाबा डेयरी से घी खरीदा था. जांच में यह भी सामने आया कि भोले बाबा डेयरी के पास मंदिर की मांग पूरी करने की क्षमता ही नहीं थी.पिछले साल नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू में मिलावट की जांच के लिए सीबीआई को एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था.  

SIT टीम में ये अधिकारी

बता दें कि मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम में सीबीआई के दो अधिकारी,  आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और  भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक अधिकारी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि एसआईटी जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां कर सकती है. अधिकारियों का कहना है कि मंदिर में शुद्धता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले ने पिछले खुब सुर्खियां बटोरी थी, जिसके बाद मामले की जांच एसआईटी टीम के हाथों में सौंपा गया था. जिसके बाद मामले की जांच आगे बढ़ाई गई. जिसमें कुछ गड़बड़ी सामने आई है.

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