तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस नीत यूडीएफ ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कोच्चि के निकट कूथाटुकुलम में माकपा पार्षद के कथित "अपहरण" की घटना का जिक्र किया तथा आरोप लगाया कि पुलिस भी इस घटना में शामिल है. यूडीएफ ने कुछ विपक्षी विधायकों (जिनमें अनूप जैकब भी शामिल हैं) द्वारा पेश किए गए नोटिस में इस मुद्दे को उठाया, जिसमें 18 जनवरी को कूथाटुकुलम नगरपालिका के बाहर जो कुछ हुआ, उस पर चर्चा करने के लिए सदन का सभी कामकाज रोकने की मांग की गई थी.
विपक्षी यूडीएफ द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव से पहले 18 जनवरी को एलडीएफ शासित नगर पालिका के बाहर नाटकीय दृश्य सामने आए थे जब माकपा की महिला पार्षद कला राजू को प्रस्ताव पर वोट देने के लिए पहुंचते ही कथित तौर पर दिनदहाड़े अगवा कर लिया गया.
सदन की अन्य कार्यवाही स्थगित करने की मांग का मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विरोध किया और इसे खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है, जांच शुरू कर दी गई है और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में उस दिन जो हुआ वह नगरपालिका पर नियंत्रण पाने के लिए माकपा के एक पार्षद को अपने पक्ष में प्रभावित करने का यूडीएफ का विफल प्रयास था. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से इस तरह की हरकतें निंदनीय हैं और राजनीतिक नैतिकता के अनुरूप नहीं हैं.
अनुमति न दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने मुख्यमंत्री पर राजू के कथित रूप से पाला बदलने का मुद्दा उठाकर माकपा पार्षद के अपहरण को उचित ठहराने का आरोप लगाया.
उन्होंने पूछा, "यदि लोग पक्ष बदलते हैं तो क्या उनका अपहरण कर लिया जाएगा?" विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि जो कुछ हुआ उसमें माकपा और पुलिस की मिलीभगत थी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विपक्ष ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तार किए गए लोग कथित अपहरण के पीछे असली अपराधी नहीं थे.
(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)