यूजीसी ने रैगिंग रोधी मानदंडों की अनदेखी करने पर 18 चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया

नई दिल्ली:  (भाषा) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रैगिंग रोधी नियमों का अनुपालन न करने पर 18 चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: social media

नई दिल्ली:  (भाषा) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रैगिंग रोधी नियमों का अनुपालन न करने पर 18 चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

इन महाविद्यालयों में दिल्ली, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के दो-दो, आंध्र प्रदेश और बिहार के तीन-तीन तथा मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश का एक-एक कॉलेज शामिल है.

रैगिंग रोधी नियमों का उल्लंघन

यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने बताया कि इन 18 चिकित्सा महाविद्यालयों ने रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए आवश्यक शपथ पत्र लेने की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘यह पाया गया कि इन महाविद्यालयों ने रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 में निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया था. विशेष रूप से, ये संस्थान विद्यार्थियों से रैगिंग विरोधी शपथ पत्र प्राप्त करने में विफल रहे.’’

महाविद्यालयों का विवरण

यह 18 महाविद्यालय देश के विभिन्न हिस्सों से हैं। इनमें दिल्ली, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के दो-दो, आंध्र प्रदेश और बिहार के तीन-तीन तथा मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के एक-एक महाविद्यालय शामिल हैं.

रैगिंग निरोधक शपथ पत्र का महत्व

रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 के अनुसार, हर छात्र और उनके माता-पिता/अभिभावकों को दाखिले के समय और हर शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में रैगिंग विरोधी शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है. मनीष जोशी ने कहा, ‘‘यह शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम है. इन नियमों का पालन न होने से विद्यार्थियों की सुरक्षा को खतरा होता है.’’

समय सीमा के भीतर स्पष्टीकरण जरूरी

यूजीसी ने संबंधित महाविद्यालयों को नोटिस जारी किया है और उन्हें सात दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. महाविद्यालयों को चूक के कारणों का विवरण देने और इस स्थिति को सुधारने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है.

संवेदनशील कदमों की चेतावनी

जोशी ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है, तो यूजीसी रैगिंग निरोधक विनियमन, 2009 के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई करेगा, जिसमें जुर्माना और अन्य सुधारात्मक उपाय शामिल हैं.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

Tags :