कासागंज के चंदन हत्याकांड में आठ साल पहले फायरिंग और पथराव करने वाले सभी 28 आरोपियों को लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने आजीवन कारावास दे दिया है. कासागंज में तिरंगा यात्रा में चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई थी.
लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने कासागंज हत्याकांड के सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में आठ साल पहले तिरंगा यात्रा के दौरान आरोपियों ने फाइरिंग और पथराव किया था. जिसमें चंदन गुप्ता नाम के व्यक्ति को गोली लग गई थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी.
पुलिस ने इस घटना में 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इनमें से दो आरोपियों को सबूतों के अभाव से बरी कर दिया था. एक आरोपी की पहले ही मौत हो गई.
एनआईए कोर्ट में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के हिसाब से गुरुवार को चली सुनवाई के बाद सभी 28 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था. आज शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपियों को उनके अपराधों के आधार पर सजा सुनाई. कोर्ट ने सभी अपराधियों को उम्रकैद की सजा दी है. इनमें से 26 दोषी इस समय लखनऊ की जेल में बंद हैं.
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने बताया कि आरोपियों के नाम- वसीम जावेद, नसीम जावेद, मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद , आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु , वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, साकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, साकिर और मोहम्मद आमिर रफी हैं.
इसके अलावा कासागंज हत्याकांड से जुड़े दो दोषी कासागंज जेल में बंद मुनाजिर और कोर्ट में सरेंडर करने वाले सलीम को भी आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है. पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने जानकारी दी कि कासागंज जेल मे बंद इन दोनों दोषियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए से कोर्ट में पेश किया गया. जानकारी है कि 26 जनवरी 2018 की सुबह, गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरे देश में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही थीं. इसी क्रम में कासगंज में भी हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी.
कासगंज में एक घटना के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि पूरे शहर में दंगे भड़क उठे थे. हालात को नियंत्रण में लाने के लिए आईजी और मंडलायुक्त को कासागंज में डेरा डालना पड़ा था. सुरक्षा के कारण जिले भर में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं थी. इसके बावजूद, कासागंज लगभग एक हफ्ते तक आग में जलता रहा.
इस मामले में चंदन गुप्ता के पिता ने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए जिला अदालत से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. शुक्रवार को अदालत ने इस मामले में शामिल 28 आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.