Uttarkashi: बाहर नहीं आ सके सुरंग में फंसे 41 मजदूर, जानें रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या हुआ?

Uttarkashi: सुरंग में फंसे श्रमिकों को पाइप के जरिए से रात के खाने के लिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर के साथ मक्खन वाली चपाती दी गई थी.

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हाइलाइट्स

  • मलबे को काटकर निकासी मार्ग से श्रमिकों को बाहर लाने के लिए अभियान की शुरूआत की गई है.
  • हिमालय की चोटी पर बसा हुआ उत्तरकाशी, गंगा व यमुना दोनों नदियों का जहां उद्गम स्थल कहा जाता है.

Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 13वां दिन है. बता दें कि कई दिक्कते सामने आ रही है, सहनशीलता की परीक्षा ली जा रही है, परन्तु देश अपने 41 मजदूरों की हिम्मत बढ़ाने में लगी हुई है. वहीं मजदूर सुरंग के अंदर हैं, किन्तु बाहर पूरा हिंदुस्तान उन लोगों का इंतजार कर रहा है. मिली सूचना अनुसार ड्रिलिंग के रास्ते में लोहे की रॉड आने के कारण मशीन खराब हो गई थी. इसके बाद दिल्ली से एक्सपर्ट बुलाकर उन्हें ठीक करवाया जा रहा है. जिसके बाद पाइप डालने का काम जारी किया जाएगा. 

अधिकारियों का बयान 

इस पूरे मामले में अफसरों का कहना है कि, मलबे को काटकर निकासी मार्ग से श्रमिकों को बाहर लाने के लिए अभियान की शुरूआत की गई है. इतना ही नहीं सुरंग में फंसे श्रमिकों को पाइप के जरिए से रात के खाने के लिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर के साथ मक्खन वाली चपाती दी गई थी. साथ ही इससे पूर्व, सुरंग के भीतर फंसे हुए श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप से सेब, संतरे, मौसमी एवं केले जैसे फल के साथ इलेक्ट्रॉल जैसी आवश्यक दवाइयां भेजी जा रही है. 

ऑपरेशन बीच में रूका 

दरअसल बीते दिन ये अनुमान लगाया जा रहा था कि, मजदूरों को शाम तक बाहर निकाल लिया जाएगा. परन्तु मशीन में खराबी आने के कारण ऑपरेशन बीच में रोक दिया गया था. जबकि अफसरों का कहना था कि, सब ठीक रहा तो दिन ढलने तक ऑपरेशन कंपलीट कर लिया जाएगा. 

हिमालय की चोटी 

बता दें कि हिमालय की चोटी पर बसा हुआ उत्तरकाशी, गंगा व यमुना दोनों नदियों का जहां उद्गम स्थल कहा जाता है. जबकि उत्तरकाशी वो देवभूमि है जहां हजारों तीर्थयात्री पवित्र धाम के दर्शन के लिए जाते रहते हैं. हालांकि उत्तराखंड के उत्तरकाशी को पूरा देश देख रहा है. लोगों की उम्मीदें बार-बार बढ़ती है कि, जल्द सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूर आ जाएं. परन्तु अचानक कोई अड़चन इंतजार के समय को और बढ़ा देती है.