Uttarkashi Tunnel Collapse : सुरंग में फंसे मजदूरों को मिल रहा है डॉक्टरों की निगरानी में बना खाना, जानें क्या-क्या भेजा गया अब तक

Uttarkashi Tunnel Collapse : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यांरा सुरंग में 10 दिन से फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. हालाँकि अब तक मजदूरों को बाहर नहीं निकला जा सका है. लेकिन उन तक पाइप के सहारे खाना पहुंचाया जा रहा है.

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Uttarkashi Tunnel Collapse : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यांरा टनल में 10 दिन से 8 राज्यों के 41 मजदुर फंसे हुए हैं. सुरंग के ढहने के बाद से ही फंसे हुए मजदूरों को बचने क लिए बचाव और राहत अभियान जारी है. हालाँकि हादसे के 10 दिन बाद भी मजदूरों को टनल से निकाल पाना अभी तक मुश्किल ही नजर आ रहा है. लेकिन इसी बीच 20 नवंबर को पहली बार एक पतले पाइप के सहारे मजदूरों तक ठोस भोजन पहुंचाया गया. इस दौरान पहली बार मजदूरों तक खिचड़ी पहुचायी गयी . बचाव और राहत अभियान के साथ ही अब पाइप के सहारे लगातार लोगों तक खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है.

बता दें  कि मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा ये खाना डॉक्टरों की विशेष निगरानी में बनाया जा रहा है.  दरअसल रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पहले सुरंग में चार इंच की पाइप को फिट किया गया था. हालांकि, अब मजदूरों तक खाना पहुंचाने के लिए छह इंच वाली पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को स्वस्थ रखने के लिए लगातार खाने और पानी की सप्लाई हो रही है. 


अब तक क्या-क्या भेजा गया मजदूरों को खाने के लिए 

गौरतलब है कि डॉक्टर्स ने सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों के लिए खाने में  खिचड़ी और दलिया भेजने का सुझाव दिया है. हालाँकि जानकारी के अनुसार, रविवार को छह इंच वाले पाइप के ब्लॉक होने की वजह से मजदूरों तक सुरंग में खिचड़ी नहीं भेजी जा सकी.  इसके बाद ब्लॉकेज को ठीक किया और फिर ब्लॉकेज के खत्म होने पर सोमवार रात मजदूरों को उसी पाइप के सहारे गर्म खिचड़ी और दलिया भेजी गई. बता दें कि इसके लिए खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक किया जा रहा है उसके बाद मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा है।  इतना ही नहीं,  इस पाइपलाइन से खिचड़ी के अलावा मजदूरों के लिए कटे हुए सेब और केले भेजे जाने की भी व्यवस्था की गई है.


बता दें, 10 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को बचने के लिए लगातार कोशिश जारी है. इसके लिए NDRF , SDRF की टीमों के साथ ही सेना के दल भी मजदूरों को बचाने के प्रयास में लगें हुए हैं. नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलोपमेंट कोर्पोरशन लिमिटेड यानि की  NHIDCL के डायरेक्टर अंशु मनीष खुल्को ने जानकारी दी कि "हमने छह इंच वाले पाइप को साफ कर दिया है और मजूदरों को इसके जरिए मंगलवार सुबह संतरे, केले और दवाइयां भेजी जा चुकी हैं" उन्होंने बताया कि डिनर में मजदूरों को मंगलवार रात ठोस भोज्य पदार्थ भेजे गए, जिसमें वेज पुलाव और मटर पनीर शामिल था . इसके अलावा, मजदूरो के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए चार इंच वाले पाइप के सहारे ड्राई-फ्रूट, पानी और दवाइयां भी भेजी जा रही है. बता दें कि इस दौरान रात के खाने के लिए मजदूरों को खाने के 150 पैकेट भेजे गए हैं. 

 

चिकित्षकों की विशेष देख-रेख में बन रहा है खाना 

जानकारी के अनुसार, जिस होटल में मजदूरों के लिए खाना तैयार किया जा रहा है, उसकी साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. होटल के मालिक अभिषेक रामोला ने बताया कि पूरा खाना डॉक्टरों की निगरानी में बन रहा है. डॉक्टरों की देख-रेख में ही चावल और पनीर तैयार किया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है की, मजदूरों को ऐसा खाना दिया जा रहा है जो आसानी से पांच जाए और मजदूरों के स्वस्थ्य के लिए भीं  अच्छा हो साथ ही मजदूरों को एनर्जी मिले. होटल में मजदूरों लिए खाना बनाने वाले शेफ संजीत राणा ने बताया कि हमने मजदूरों के लिए खाने को खाने को कम तीखा और कम तेल वाला बनाया गया है.  साथ ही पर्याप्त मात्रा में भोजन को पैक किया है ताकि मजदूरों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो. 

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