Uttarkashi Tunnel Rescue: रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रुकावट बन सकता है ख़राब मौसम, तेज़ बारिश और बर्फ़बारी की है आशंका

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकलन के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब ख़राब मौसम बड़ा संकट बन सकता है. भारतीय मौसम विभाग ने उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फवारी की चेतावनी दी है.

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Uttarkashi Tunnel Rescue: 12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यांरा में निर्माणाधीन सुरंग के ढहने से उसमे फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वा दिन है. सुरंग ढहने के बाद से ही जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार कोई न कोई बाधा आने की वजह से अभी तक मजदूरों को सुरंग से बाहर नहीं निकाला जा सका है. पहले बचाव और राहत अभियन में उस समय रुकावट आयी थी जब ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन के टूट कर सुरंग के अंदर फंस गयी थी. अब जब पाइप के अंदर से मशीन के टूटे हुए हिस्से को निकाल लिया गया है तो अब रेस्क्यू ऑपरेशन में ख़राब मौसम बड़ी बाधा सकता है. दरअसल भारतीय मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फवारी की सम्भावना जताई गयी है. 

उत्तराखंड में जारी हुआ येलो अलर्ट 

भारतीय मौसम विभाग ने राहत और बचाव अभियान में काम कर रहे कर्मियों की टेंशन और बढ़ा दी है. दरअसल मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड में येलो अलर्ट जारी किया है. उत्तरखंड में सोमवार से तीन दिनों तक भारी बारिश के साथ ही बर्फबारी की चेतावनी दी गयी है. बता दें कि मौसम के बदलते मिज़ाज़ की  वजह से बचाव अभियान में और मुश्किलें आ सकती हैं. बता दें की मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के ऊपरी इलाकों में  पश्चिमी विक्षोभ की वजह से भारी बारिश के साथ-साथ बर्फबारी की संभावना जताई है. इसके साथ ही उत्तरकाशी के सिलक्यारा, बड़कोट में भारी बर्फबारी हो सकती है.

जानें बारिश कैसे बनेगी बचाव अभियान में चुनौती 

दरअसल सुरंग के पास पहाड़ी मिट्टी होने की वजह से बारिश के बाद मिट्टी काफी हल्की हो जाती यही. जिसके कारण मिट्टी धंसने लगती हैं. इतना ही नहीं, अगर बारिश होती है तो सुरंग के अंदर डाली गई पाइप जिस सहारे पर टिकी है, उसमें भी दरार पड़ने की आशंका है. इसके साथ ही यहां रेस्क्यू ऑपरेशन में काम कर रहे लोगों की सुरक्षा भी बारिश के बाद बड़ी चुनौती होगी. हालाँकि यहाँ काम कर रहे लोगों के लिए वृहद् अम्ब्रेला बनाया गया है. जिससे बारिश और बर्फवारी में काम किया जा सके. 

गौरतलब है कि अगर मौसम विभाग की चेतावनी केअनुसार  उत्तरकाशी में बर्फबारी होती है तो निश्चित तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित होगा. बर्फबारी के बाद कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जिसमे बिजली की समस्या सबसे खास होगी. इसके साथ ही बर्फवारी के बाद ठंड बढ़ने के कारण सुरंग में फंसे मजदूरों को भी दिक्कतें होंगी और बचाव अभियान में लगे लोगों को भी. हालाँकि इस समस्या से निपटने के लिए सेना के जवानों ने सुरंग की ड्रोन के जरिए 3D मैपिंग की है,  बता दें कि 3D मैपिंग करने का का उद्देश्य ये है कि बर्फबारी के बाद अगर सुरंग का मुहाना ढक भी जाए तो सुरंग के अंदर की प्रतिकृति समझ कर आगे की रेस्क्यू ऑपरेशन की रणनीति बनाई जा सके.