मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों से मुठभेड़ में 2 जवान शहीद, सीएम बीरेन ने की उच्चस्तरीय बैठक

Manipur Violence: मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में बीते साल 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

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हाइलाइट्स

  • मणिपुर में फिर भड़की हिंसा
  • उग्रवादियों से मुठभेड़ में 2 जवान शहीद

Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है. इस दौरान राज्य के तेंगनोउपल जिले के मोरेह में उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई आपसी मुठभेड़ में एक जवान और शहीद हो गया. इसी के साथ अब तक दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों  से मिली जानकारी के अनुसार बताया कि शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मी की पहचान तखेलंबम सैलेशवोर के रूप में हुई है. वहीं मणिपुर पुलिस ने बताया कि इससे पहले शहीद होने वाले जवान की पहचान मोरेह में राज्य पुलिस कमांडो के रूप में तैनात वांगखेम सोमोरजीत के रूप में हुई है. सोमोरजीत इम्फाल वेस्ट जिले के मालोम के निवासी थे. 

बता दें, कि मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के एक वाहन पर आज यानि बुधवार को हमला कर दिया था.  इस दौरान आपसी मुठभेड़ में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के दो और कर्मी घायल हो गए. वहीं एक अधिकारी के अनुसार स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मंत्री और विधायक मौजूद रहे . 

सोमोरजीत के परिवार ने क्या कहा?

इस दौरान ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रवक्ता एल प्रेमचंज ने कहा कि शहीद हुए जवान वांगखेम सोमोरजीत के परिवार ने कहा कि वो उनका शव जब तक नहीं लेंगे तब तक हमला करने वालों को पकड़ नहीं लिया जाता और  हमें न्याय नहीं मिल जाता. 

पुलिस ने उग्रवादियों से मुठभेड़ को लेकर क्या कहा?

इस बीच पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की मोरेह शहर में तीन विभिन्न- विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई.  इस दौरान उग्रवादियों ने एसबीआई मोरेह के पास सुरक्षा बलों की एक चौकी पर बम फेंके और गोलीबारी की जिसके बाद सुरक्षा बलों की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई. वहीं  उग्रवादियों की तरफ से अस्थायी कमांडो चौकी पर भी आरपीजी गोले दागे गए,  जिससे आसपास खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. 

पुलिस ने बताया कि  पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में सीमावर्ती शहर में राज्य बलों के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किए जाने के 48 घंटे बाद कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों की चौकी को निशाना बनाया. बता दें, कि पुलिस ने उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सी आनंद की पिछले साल अक्टूबर में की गई हत्या मामले के दो मुख्य संदिग्धों फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल माते को गिरफ्तार किया था. दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा कर उन्हें पकड़ लिया था. 

इस दौरान दोनों को मोरेह के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश भी किया गया जहां से उन्हें 9 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. कुकी इनपी तेंगनोउपल (केआईटी), चुराचांदपुर जिले के इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) और कांगपोकपी जिले के कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने दोनों की गिरफ्तारी की निंदा की है.

अब तक कितने लोगों की हो चुकी मौत 

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में बीते साल 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.