West Bengal: पश्चिम बंगाल में बीते दिन 5 जनवरी को छापेमारी के दौरान ईडी की टीम पर हुए हमले को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल काँग्रेस (टीएमसी) सरकार से जवाब मांगा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने घटना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. इस घटना को लेकर राज्य में टीएमसी और भाजपा के बीच टकरार देखने को मिल रही है. वहीं राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों ने यह जताया की यह घटना जन आक्रोश के चलते हुई है.
इस दौरान मंगलवार को पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने दावा करते हुए कहा कि ऐसे हमले देश के विभिन्न हिस्सों में भी होंगे जहां जांच एजेंसियां छापेमारी करती हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि हमने राज्य में एक स्थान पर जनाक्रोश का हमला देखा है. भविष्य में भारत के अन्य स्थानों पर भी ऐसी घटनाएं देखने को मिलेंगी. मंत्री के बयान पर भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की रक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस कोण जड़ से उखाड़ फैंकना चाहिए.
बता दें, कि शुक्रवार (5 जनवरी) को ईडी की टीम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव में राशन घोटाले के मामले में टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए पहुंची थी. इस दौरान 200 लोगों की भारी भीड़ ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया साथ ही भीड़ ने टीम के साथ आए केन्द्रीय सुरक्षाबलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. बता दें कि ईडी की इस टीम में असिस्टेंड डायरेक्टर भी शामिल थे. वहीं हमले में घायल हुए टीम के सदस्यों को कोलकता का स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
हमले के बाद ईडी ने कहा था कि हमारी तलाशी के दौरान एक परिसर में ईडी टीम और सीआरपीएफ कर्मियों पर 800 से 1000 लोगों ने जन लेने के इरादे से हमला किया था. ये लोग लाठी पत्थर और ईंट जैसे हथियार लिए हुए थे.
अधिकारियों की तरफ से यह भी आरोप लगाया गया था कि हिंसक भीड़ ने ईडी अधिकारियों के निजी और आधिकारिक सामान जैसे कि उनके मोबाईल फोन, लैपटॉप , नगदी, वॉलेट आदि भी चीन लिए, या लूट लिए गए थे. और एजेंसी के कुछ वाहनों को तोड़फोड़ भी दिया गया था.