Tahawwur Rana: भारत लाए जाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA लगातार मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ कर रही है. इस दौरान जांच एजेंसी को कई सुराग मिले हैं. जिसमें उसके और उसके सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के बीच बड़ी संख्या में फोन कॉल शामिल हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने संयुक्त राज्य अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी को 18 दिनों की हिरासत दी है. इस दौरान जांच एंजेंसी राणा से पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों के साथ उसके संदिग्ध संबंधों और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साथ उसके जुड़ाव के बारे में पूछताछ कर रही है.
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा को भारत लाने के पीछे जांच एजेंसी का मकसद उससे पूरे नेटवर्क का खुलासा करवाना है. भारत सरकार द्वारा पिछले 16 सालों से उसे देश में लाने की कोशिश की जा रही थी. जिसके बाद अब ट्रंप सरकार ने आतंकवाद का विरोध करते हुए भारत सरकार का साथ दिया. अब भारत लाने के बाद जांच एजेंसी उससे कुछ राज खुलवाने में जुटी है. जिसमें से फंड प्रबंधन, डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी से जुड़े मुद्दे प्रमुख हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) राणा तहव्वुर राणा से पाकिस्तान स्थित संचालकों के साथ उसकी बैठकों और ईमेल वार्तालापों के बारे में पूछताछ कर रही है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह मुंबई में एक गैर-संचालन आव्रजन कार्यालय चलाने के लिए धन का प्रबंधन कैसे कर रहा था, जिसने 2006 और 2009 के बीच डेविड कोलमैन हेडली की निगरानी गतिविधियों के लिए कवर के रूप में काम किया.
डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी मुंबई हमलों में सह-साजिशकर्ता है. वह एक अमेरिकी नागरिक है और वर्तमान में उस देश की जेल में बंद है. उससे जुड़े भी राज खुलवाने की कोशिश की जा रही है. पूछताछ में 2005 के आसपास रची गई साजिश के बारे में सवाल किया जा रहा है. इसी दौरान डेविड हेडली को लश्कर-ए-तैयबा द्वारा भारत में टोही करने का निर्देश दिया गया था. राणा से उन व्यक्तियों के बारे में भी पूछताछ की जाएगी, जिनसे उसने मुलाकात की थी. विशेष रूप से दुबई में एक कथित प्रमुख संपर्क के बारे में, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह मुंबई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की योजनाओं से अवगत था.