अमरनाथ गुफा में रहने वाले कबूतर के जोड़े का क्या है रहस्य? जानें क्या है मान्यताएं

Amarnath Yatra: अमरनाथ धाम यात्रा 29 जून से शुरू हो चुकी है. पूरी धरती पर केवल यहा ही भगवान शंकर हिमलिंग के रूप में दर्शन देते हैं. ऐसा माना जाता हैं कि सबसे पहले महर्षि भृगु ने अमरनाथ गुफा की यात्रा की थी. बताया यह भी जाता है कि अमरनाथ की गुफा एक कबूतरों का जोड़ा है जो अमर हो चुका है. कबूतर के इस जोड़े के दर्शन करने से साधक अपने आपको भाग्यवान मानते हैं. आइए जानते हैं गुफा में मौजूद कबूतर के जोड़े का रहस्य.

Date Updated
फॉलो करें:

Amarnath Yatra: जम्मू-कश्मीर में स्थित बाबा अमरनाथ धाम यात्रा 29 जून से शुरू हो चुकी है. भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा यह धाम शिव और शक्ति दोनों का ही प्रतीक है. तमाम तरह की परेशानियों और बाधाओं और खतरों का बाद भी यहा पर हर साल शिव भक्तों का ताता लगता है. पूरी धरती पर केवल यही पर भगवान हिमलिंग के रूप में दर्शन देते है. ऐसा लोग मानते कि सबसे पहले महर्षि भृगु ने अमरनाथ गुफा की यात्रा की थी.बाबा बर्फानी से जुड़ी कई अचंभित कर देने वाली कहानियां है.

कबूतरों को भी अमरत्व प्राप्त

पुराणों की माने तो भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व की कहानी सुनाने के लिए इस गुफा में लेकर आए थे. कहानी के दौरान माता पार्वती को नींद आ गई. जबकि वहां मौजूद कबूतरों का एक जोड़ा भगवान शिव की कहानी सुनता रहा. कहानी के दौरान वो लगातार आवाज भी निकालते रहें, जिससे भगवान शिव को लगा कि पार्वती जी कहानी सुन रही है. कथा सुनने के वजह से इन कबूतरों को भी अमरत्व प्राप्त हुआ. और आज भी अमरनाथ गुफा के दर्शन करते वक्त कबूतर देखे जाते है. बड़े आश्चर्य की बात है कि जहां आक्सीजन की मात्रा लगभग ना के बराबर है. और जहां पर दूर-दूर तक खाने- पाने का कोई साधन नहीं है. वहा पर ये कबूतर किस तरह रहते है. इस स्थान पर कबूतरों के दर्शन होना जहां पर ऑक्सीजन की मात्रा लगभग न के बराबर है और जहां दूर-दूर तक खाने-पीने का कोई साधन नहीं है, वहां ये कबूतर किस तरह रहते हैं. यहां पर कबूतरों के दर्शन होना शिव-पार्वती के दर्शन होने जैसा माना जाता है.

बाबा बर्फानी का शिवलिंग

अमरनाथ गुफा के पौराणिक इतिहास में महर्षि कश्यप और महर्षि भृगु का भी वर्णन मिलता है. कथा के अनुसार, एक बार धरती का स्वर्ग कश्मीर जलमग्न हो गया और एक बड़ी सी झील में तब्दील हो गया है. जगत कल्याण के लिए ऋषि कश्यप ने उस जल को छोटी-छोटी नदियों के जरिए बहा दिया. उस समय ऋषि भृगु हिमालय की यात्रा पर निकले हुए थे. जल स्तर कम होने से हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं में सबसे पहले महर्षि भृगु ने अमरनाथ की पवित्र गुफा और बाबा बर्फानी का शिवलिंग को देखा था.

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!