Trump Tariff on Overseas Auto Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2-3 अप्रैल से विदेशी ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है. जिसका असर भारत पर काफी ज्यादा पड़ने की उम्मीद है. भारत में भी टाटा, आयशर, सोना बीएलडब्ल्यू और संवर्धन मदरसन जैसी कंपनियां है, जिसे अमेरिका इंपोर्ट किया जाता है.
डोनाल्ड ट्रंप के इस योजना से इन सभी भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने फरमान में यह भी कहा कि अगर वो कंपनी अमेरिका आकर गाड़ियां बनाती है तो उसपर कोई भी टैरिफ नहीं लगाया जाएगा. हालांकि कंपनियों के लिए ऐसा करना काफी मुश्किल है.
भारत की ऐसी कई कंपनियां है जो अमेरिका में डायरेक्ट तो नहीं लेकिन इंडायरेक्ट तरीके से ऑटो का एक बड़ा हिस्सा है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार कई भारतीय कंपनियां यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन को ऑटो कंपोनेंट इंपोर्ट करती हैं, जो अमेरिका को वाहन सप्लाई करते हैं. जैसे की अगर टाटा मोटर्स की बात करें तो इसका अमेरिका को सीधा निर्यात नहीं है, लेकिन इसकी सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की अमेरिकी बाजार में मजबूत पकड़ है. जेएलआर की वित्त वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में इसकी कुल बिक्री में 22 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. दूसरे रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में जेएलआर ने दुनिया भर में लगभग 400,000 वाहन बेचे. जिसमें अमेरिका इसके शीर्ष बाजारों में से एक था.
अमेरिका में बेची जाने वाली कंपनी के वाहन मुख्य रूप से यूके और अन्य अंतरराष्ट्रीय संयंत्रों में निर्मित होते हैं. जिसपर अब 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा. इसी के साथ रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी आयशर मोटर्स पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका इसके 650cc मॉडल के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है. भारत के अग्रणी ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं में से एक के रूप में, संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल लिमिटेड की यूरोप और अमेरिका दोनों में मजबूत उपस्थिति है. यह टेस्ला और फोर्ड सहित प्रमुख अमेरिकी वाहन निर्माताओं को पुर्जे की आपूर्ति करता है. डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान के बाद इन सभी भारतीय कंपनियों को काफी नुकसान होने की संभावना है.