Arun Goyal: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफ़े से सियासत में हड़कंप मच गया है. विपक्ष ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार से सवाल पूछा है कि आख़िर ऐसा किया हो गया कि जिस कमिश्नर को ख़ुद सरकार ने नियुक्त किया था उसने इस्तीफ़ा दे दिया. आम आदमी पार्टी ने सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार ने चुनाव के दौरान ऐसा क्या करने को कह दिया कि चुनाव आयुक्त ने इस्तीफा देने बेहतर समझा.
अरुण गोयल साल 2022 में बहुत ही आनन फ़ानन में चुनाव आयुक्त नियुक्त गिए थे. उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में भी चैलेंज किया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसी भी क्या जल्दी थी कि सरकार ने महज़ इतनी जल्दी में अरुण गोयल की नियुक्ति की. दरअसल अरुण गोयल इससे पहले IAS अफ़सर थे और उन्होंने 18 नवंबर 2022 स्वैच्छिक रिटायरमेंट ली थी और रिटायरमेंट के 24 घंटों बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था.
अचानक उनके इस्तीफ़े के बाद विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस ने तो यहाँ तक कह दिया है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय की तरह भाजपा अरुण गोयल को भी कहीं चुनाव ना लड़ाना चाहती हो? हालाँकि यह तो वक़्त आने के बाद ही पता चलेगा.
7 दिसंबर 1962 को पैदा होने वाले अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 के बैच IAS अफ़सर हैं. अरुण गोयल पढ़ने-लिखने में काफ़ी अच्छे छात्रों में शुमार किए जाते थे. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी सभी विषयों में टॉप किया था. इसके अलावा विदेश में भी पढ़ाई की है. एक जानकारी के मुताबिक़ उन्होंने लंदन और अमेरिका में भी पढ़ाई की है.