Devraha Baba: 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश- विदेश के लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा है. इस निमंत्रण पत्र पर रामलला और भव्य राम मंदिर की तस्वीर छपी है. निमंत्रण पत्र के साथ ही लोगों को एक बुकलेट भी भेजा जा रहा है.
इस बुकलेट में 1528 से 1984 के दौरान राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वाले संतों और अदालती कार्रवाई में शामिल लोगों की तस्वीर और जानकारी दी गई है. इसी बुलेट में देवरहा बाबा की तस्वीर भी छपी है
ये वही चमत्कारी बाबा है , जिन्होंने 33 साल पहले राम मंदिर के निर्माण की भविष्यवाणी की थी और कहा था कि मंदिर सभी की सहमति से बनेगा. निमंत्रण पत्र के साथ दी गई बुकलेट में देवरहा बाबा के बारे में लिखा है कि 'रामानुज परंपरा के वाहक, दिव्य एवं उच्च आध्यात्मिक शक्तियों से ओतप्रोत पूज्य देवरहा बाबा, सन 1989 के प्रयाग महाकुम्भ के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित संत सम्मेलन व धर्म संसद में पधारे थे. उन्होंने घोषणा की थी कि विश्व हिंदू परिषद मेरी आत्मा है, मेरी सहमति से श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन चल रहा है.'
उत्तर प्रदेश के देवरिया से ताल्लुक रखने वाले देवरहा बाबा एक सिद्ध महापुरुष और संत थे. वह भगवान श्रीराम के भक्त थे और लोगों को समस्याओं से मुक्ति के लिए भगवान राम के ही मंत्र देते थे. देवरहा बाबा को लोग कितना मानते थे, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बड़े-बड़े राजनेता देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए आते थे.
देवरहा बाबा को चमत्कारी बाबा कहा जाता है. उनके चमत्कार की कई कहानियाँ बेहद प्रचलित हैं. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने बहुत सारी सिद्धियाँ प्राप्त की थी, जिसकी वजह से वो लोगों के मन की बात जान लेते थे. इतना ही नहीं, देवरहा बाबा अपनी सिद्धियों से जानवरों के मन की भी बात जान लेते थे.
देवरहा बाबा कितने साल जिए इसे लेकर कई कहानियां बताई जाती हैं. कुछ लोगों का मानना है कि 900 साल तक जिए थे. हालांकि इसे लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते हैं. देवरहा बाबा के जीवन के बारे में अलग-अलग बातें हैं. कुछ लोगों का कहना है कि देवरहा बाबा 900 साल तक जीवित रहे तो कुछ कहते हैं कि वह 250 साल जिए और कुछ लोगों का मानना है कि वह 500 साल तक जीवित रहे. हालांकि, उनके जन्म को लेकर अलग-अलग विचार हैं. इसके साथ ही उनकी मृत्यु को लेकर भी काफी असमंजस है.