नई दिल्ली : दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह निर्णय आज भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा. यह बैठक पार्टी के दिल्ली कार्यालय में शाम करीब सात बजे होगी, और इसके लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं.
भा.ज.पा. ने 5 फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को हराकर 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी की है. अब, पार्टी के 48 विधायक इस बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नेता का चयन करेंगे. बैठक भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में होगी, हालांकि, पर्यवेक्षकों के नाम की औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है.
विधायक दल द्वारा नेता चुने जाने के बाद, नए मुख्यमंत्री को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात करनी होगी. इस बीच, रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं. सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह दोपहर में आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री भी इस समारोह में भाग लेंगे.
भा.ज.पा. के लिए जिन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें प्रवेश वर्मा प्रमुख हैं. प्रवेश वर्मा ने इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया था. इसके अलावा, भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे अन्य नेता भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे हैं.
पार्टी नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नामों की सार्वजनिक चर्चा हो रही है, उनके अलावा कुछ ऐसे नेता भी हैं जो इस दौड़ में ‘छुपे रुस्तम’ साबित हो सकते हैं. बवाना (एससी) सीट से विधायक रवींद्र इंद्राज सिंह और मादीपुर (एससी) सीट से पहली बार जीतने वाले कैलाश गंगवाल को इसी रूप में देखा जा रहा है.
भा.ज.पा. के कुछ नेताओं का मानना है कि जिस तरह से पार्टी ने राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुनकर सभी को चौंकाया था, वैसा ही कदम दिल्ली में भी उठाया जा सकता है.