भारत ने अमेरिका से गैर-कानूनी प्रवासी भारतीयों को लाने के लिए अपना विमान क्यों नहीं भेजा? :आप

नई दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के एक सदस्य ने अमेरिका से गैर-कानूनी प्रवासी भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया कि भारत ने अपने विमान से इन्हें क्यों नहीं लाया और विदेश मंत्री जयशंकर खुद इस मामले में क्यों नहीं गए.

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Courtesy: social media

नई दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के एक सदस्य ने अमेरिका से गैर-कानूनी प्रवासी भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया कि भारत ने अपने विमान से इन्हें क्यों नहीं लाया और विदेश मंत्री जयशंकर खुद इस मामले में क्यों नहीं गए.

राघव चड्ढा ने उठाया सवाल

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने उच्च सदन में आम बजट पर हुई चर्चा के दौरान यह सवाल किया. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने अपने सैन्य विमान से गैर-कानूनी प्रवासी भारतीयों को अमृतसर भेजा, तो भारत ने अपना विमान क्यों नहीं भेजा? उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर कोलंबिया की सराहना की, जिसने अपने नागरिकों को लाने के लिए अपना विमान भेजा.

चड्ढा ने विदेश मंत्री से यह सवाल भी किया कि वह इन भारतीय नागरिकों को लाने के लिए खुद अमेरिका क्यों नहीं गए. उन्होंने कहा, "यह जो भारतीय नागरिक लौटे हैं, वे मुख्य रूप से गुजरात, पंजाब और हरियाणा से हैं. लेकिन अमेरिका का विमान उन्हें अमृतसर में क्यों उतारा? सरकार को इसका स्पष्ट जवाब देना चाहिए."

गैर-कानूनी आव्रजन का विरोध

हालांकि राघव चड्ढा ने यह स्पष्ट किया कि वह गैर-कानूनी आव्रजन का समर्थन नहीं करते, लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिकी व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई जानी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि लोग गरीबी और बेरोजगारी के कारण 'डंकी रूट' (अवैध मार्ग) से अमेरिका जाने को मजबूर होते हैं.

मध्यम वर्ग और जीएसटी पर टिप्पणी

चड्ढा ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत के मध्यम वर्ग को 'सोने वाली मुर्गी' के रूप में देखा जाता है, और हर सरकार इस वर्ग से अधिक से अधिक खर्च लेने के लिए तैयार रहती है. उन्होंने बताया कि आजकल मध्यम वर्ग की आय में कमी आ रही है और वे खर्च करने में असमर्थ हो गए हैं. उनका कहना था कि आम आदमी को राहत देने के लिए 'जीएसटी' की दरों में कमी की जानी चाहिए.

रेलवे की स्थिति पर टिप्पणी

चड्ढा ने रेलवे के बजट आवंटन पर भी अपनी चिंता व्यक्त की. उनका कहना था कि अगर अधिकतर भारतीयों के पास कोई और विकल्प होता, तो वे रेलवे यात्रा का चयन नहीं करते. भारतीय ट्रेनों में सुविधाएं दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही हैं, और सरकार को वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतें बहाल करने पर विचार करना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के दावे के बावजूद, रेलवे यात्रा में सुरक्षा की स्थिति नहीं सुधरी है. चड्ढा ने यह आरोप भी लगाया कि हर महीने ट्रेन दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लोग अपनी जान गंवाते हैं.

चर्चा में अन्य नेता भी शामिल हुए

इस चर्चा में भाजपा के आरपीएन सिंह, संजय सेठ, दीपक प्रकाश, गीता चंद्रपभा, दर्शना सिंह और धर्मशिला गुप्ता, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेन्द्र कुशवाहा, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, निर्दलीय अजीत कुमार भूइयां और भाकपा के संदीप कुमार पी ने भी भाग लिया. हालांकि, चर्चा अधूरी रही और कई मुद्दों पर मतभेद बने रहे.

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