PM मोदी ने आखिर क्यों बोला नाच न जान आंगन टेढ़ा... बड़ी बातें

PM Modi interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से लेकर इलेक्टॉरल बॉन्ड पर खुलकर जवाब दिया है.

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PM Modi interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से लेकर इलेक्टॉरल बॉन्ड पर खुलकर जवाब दिया है. समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरब्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे पास कोई बड़ी योजनाएं है. मेरा फैसला किसी को डराना धमकाना का नहीं और न नहीं दवाब बनाने का है.

राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं के चुनावी बांड पर आरोप और क्या यह एक बुरा निर्णय था इस पर पीएम मोदी ने कहा कि "अगर चुनावी बांड नहीं होते, तो किसके पास यह पता लगाने की शक्ति होती कि पैसा कहां से आया और कहां से आया." यह चला गया? यह चुनावी बांड की सफलता की कहानी है कि चुनावी बांड थे, इसलिए आपको पैसे का एक निशान मिल रहा है. मेरी चिंता यह है कि मैं कभी नहीं कहता कि निर्णय लेने में कोई कमी नहीं है निर्णय लेना, हम सीखते हैं और सुधार करते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि "इसमें भी सुधार करना बहुत संभव है. लेकिन आज हमने देश को पूरी तरह से काले धन की ओर धकेल दिया है. इसलिए मैं कहता हूं कि बाद में जब ईमानदारी से सोचेंगे तो सभी को पछताना पड़ेगा.'' यह...देशभर में कुल 3000 कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड दान किया था, इन 3000 कंपनियों में से 26 कंपनियां ऐसी थीं जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है...इन 26 में से कुल 16 कंपनियां ऐसी थीं, जिन्होंने जब बॉन्ड खरीदा था. छापे पड़ रहे थे...इन 16 कंपनियों ने जो बॉन्ड खरीदे, उसमें से 37% रकम बीजेपी के पास है, 63% विपक्ष के पास.''


विपक्ष के इस आरोप पर कि बीजेपी सभी संस्थानों पर नियंत्रण रखती है और कोई समान अवसर नहीं है, पीएम ने कहा कि एक कहावत है - नाच न जाने आंगन टेढ़ा, इसलिए कभी-कभी वे ईवीएम का बहाना बनाएंगे. मूल रूप से, हार के लिए उन्होंने अभी से कुछ तर्क गढ़ने शुरू कर दिए हैं."

".आज चुनाव आयोग बना है तो उसमें विपक्ष भी है. पहले प्रधानमंत्री फाइल पर हस्ताक्षर करके चुनाव आयोग बनाते थे. जो लोग अपने परिवार के करीबी होते थे, ऐसे लोग चुनाव आयुक्त बन जाते थे." ऐसे लोग जो वहां से निकलकर राज्यसभा के सदस्य बने, ऐसे चुनाव आयुक्त बने जो बाद में कांग्रेस के उम्मीदवार बने और इसलिए हम उस स्तर पर नहीं बन सकते. हम सही रास्ते पर जाना चाहते हैं, हम गलत रास्ते पर नहीं जाना चाहते. दूसरी बात, ये कैसे हो गई, एक कहावत है- नाच न जान आंगन टेढ़ा मूलतः ईवीएम के बारे में, उन्होंने अपनी हार के लिए अभी से कुछ तर्क गढ़ना शुरू कर दिया है...''