Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई की गई. दो घंटे से भी अधिक समय के लिए हुए इस बहस में अदालत द्वारा चिंता जताई गई है. हालांकि कानून को लागू होने पर रोक नहीं लगाई गई है.
देश में हो रहे इस मुद्दे पर हिंसा को लेकर कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि किसी भी बात का दबाव डालने के लिए ऐसा किया जा रहा है. जो की होना नहीं चाहिए, किसी भी फैसले के लिए हम यहां पर बैठे हैं. कपिल सिब्बल ने अदालत के सामने कहा कि बदलाव के तहत बोर्ड में हिंदू को भी जोड़ा जाएगा, जो की कानून का हनन है.
कपिल सिब्बल के इस बात पर अदालत की ओर से केंद्र सरकार से यह सवाल किया गया कि क्या मुसलमानों को हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड में शामिल होने की अनुमति आप देंगे? हिंदूओं के कानून के मुताबिक कोई भी गैर हिंदू इंसान इस बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है. बता दें कि इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पक्ष को रख रहे हैं. वहीं इस कानून के विरोध में जाने मानें एडवोकेट कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह दलीलें रख रहे हैं. अदालत की ओर से आज फिर मामले की सुनवाई की जाएगी.
न्यायालय की यह टिप्पणी उस समय आई जब उसने 73 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, जिसमें हाल ही में संसद द्वारा पारित नए वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वैधता को चुनौती दी गई है. महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक और जिस पर बुधवार को सुनवाई हावी रही वह 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' की प्रथा को गैर-अधिसूचित करने वाले नए कानून से संबंधित है. जिसका इस्तेमाल काफी लंबे समय से इस्लाम के धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया गया है. वक्फ बोर्ड को लेकर आज फिर अदालत में सुनवाई होगी. जिसके बाद अदालत का फाइनल फैसला सामने आ सकता है.