RG Kar Case: भारत का सर्वोच्च न्यायालय बुधवार को आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में स्वप्रेरणा से सुनवाई फिर से शुरू करेगा. यह मामला अगस्त 2024 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ऑन-ड्यूटी जूनियर डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या से जुड़ा है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.
10 अगस्त 2024 को, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल से एक जूनियर डॉक्टर का शव बरामद किया गया. जांच में पाया गया कि डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. इसके बाद कोलकाता पुलिस ने नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया. फोरेंसिक रिपोर्ट में घटनास्थल पर संजय रॉय के डीएनए और मृतक डॉक्टर के व्यक्तित्व से जुड़े साक्ष्य मिले, जिससे रॉय की संलिप्तता स्पष्ट हुई.
सियालदह की निचली अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए संजय रॉय को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी साक्ष्यों, गवाहों और दलीलों की जांच के बाद मैंने आरोपी को दोषी पाया है. इस जघन्य घटना के बाद कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने पीड़िता के लिए न्याय और सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने यह स्पष्ट किया कि अस्पतालों में सुरक्षा की कमी के कारण ऐसी घटनाओं को रोकना संभव नहीं हो पा रहा है. अब सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की फिर से समीक्षा करेगा. न्यायालय ने यह कदम घटना की गंभीरता और देशभर में इस पर हो रही प्रतिक्रिया को देखते हुए उठाया है. यह सुनवाई न्याय प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में होगी कि पीड़िता के साथ पूरा न्याय हो.
पीड़िता के माता-पिता ने अदालत के फैसले के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि न्यायालय ने हमारे भरोसे का सम्मान किया है. हमें उम्मीद है कि आगे भी हमें न्याय मिलेगा. आरजी कर बलात्कार-हत्या मामला न केवल न्यायिक प्रणाली की संवेदनशीलता को परखने वाला है, बल्कि यह सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी एक बड़ा सवाल उठाता है. सुप्रीम कोर्ट की स्वप्रेरित सुनवाई से उम्मीद है कि इस घटना के सभी पहलुओं पर गहराई से विचार किया जाएगा और पीड़िता को संपूर्ण न्याय मिलेगा.