Women Reservation bill: महिला आरक्षण बिल राजीव गांधी का सपना था, मैं इस बिल के समर्थन में हूं, लोकसभा में बोलीं सोनिया गांधी

Women Reservation bill: संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर बहस हो रही है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने  भारतीय महिलाओं के बलिदान और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, यह विधेयक सबसे पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी द्वारा पेश किया गया था. उन्होंने कहा […]

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Women Reservation bill: संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर बहस हो रही है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने  भारतीय महिलाओं के बलिदान और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, यह विधेयक सबसे पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी द्वारा पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि यह बिल सबसे पहले मेरे जीवन साथी ने पेश किया था  हालांकि उनका सपना अभी भी आधा अधुरा है.

आज देश के नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल को लेकर पक्ष विपक्ष में बहस चल रही है. इस दौरान सोनिया गांधी ने लोकसभा में बुधवार को कहा कि, मैं इस बिल का समर्थन करती हूं. सोनिया गांधी ने पहली बार Women’s Reservation बिल पर संसद में भाषण दिया. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस की ओर से मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के समर्थन में खड़ी हूं. आपको बता दें कि, बीते दिन प्रधानमंत्री मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम का नाम दिया था.

सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कहा कि, भारतीय नारी ने सबकी भला के लिए काम किया है. स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल भरा काम है. भारतीय महिलाओं ने कभी शिकायत नहीं की है. महिलाओं में समंदर की तरह धीरज होता है.सोनिया ने अपने भाषण में जिक्र किया कि भले ही सरकार की तरफ से इस बिल को पेश किया गया है लेकिन कहीं न कहीं कांग्रेस इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है.

बिल को तुरंत अमल में लाया जाए- सोनिया गांधी

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि, Women’s Reservation बिल को तुरंत अमल में लाया जाए. अगर इस बिल को लाने में देरी होगी तो ये महिलाओं के साथ अन्याय होगा. सोनिया गांधी ने संसद भवन में आगे कहा कि इस बिल को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लेकर आए थे. हालांकि उस समय 7 वोटों से ये बिल गिर गया था.

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि, ये बिल मेरे जीवन साथी (राजीव गांधी) का सपना था. उन्होंने कहा कि, मैं इस बिल के समर्थन में हूँ, इस बिल के पारित होने से हमें खुशी है लेकिन इसके साथ एक चिंता भी है. उन्होंने आगे कहा कि, मैं सरकार से सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 सालों से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही थी. ऐसे उन्हें अब और कुछ वर्षों का इंतजार करने को कहा जा रहा है. उन्हें और कितने साल इंतजार करना होगा, एक, दो, चार, आठ साल, आखिर उन्हें कितना इंतजार करना होगा. क्या भारत की महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताव उचित है.

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