विश्व पुस्तक मेला 2025 में दो मिलियन से अधिक लोगों का आगमन, साहित्यिक प्रेम की नई ऊंचाई

नई दिल्ली :  2025 का नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला एक ऐतिहासिक सफलता बनकर उभरा है, जिसमें दो मिलियन से अधिक आगंतुकों की भीड़ ने पुस्तक प्रेमियों के उत्साह को नई ऊंचाई दी. इस आयोजन ने भारत में लिखित शब्द के प्रति बढ़ते प्रेम को दर्शाया, जैसा कि आयोजकों और उपस्थित लेखकों तथा पाठकों ने भी माना.

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Courtesy: social media

नई दिल्ली :  2025 का नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला एक ऐतिहासिक सफलता बनकर उभरा है, जिसमें दो मिलियन से अधिक आगंतुकों की भीड़ ने पुस्तक प्रेमियों के उत्साह को नई ऊंचाई दी. इस आयोजन ने भारत में लिखित शब्द के प्रति बढ़ते प्रेम को दर्शाया, जैसा कि आयोजकों और उपस्थित लेखकों तथा पाठकों ने भी माना.

आकर्षक भीड़ और उमड़ते पुस्तक प्रेमी

इस बार के पुस्तक मेले में 1 से 9 फरवरी तक भारत मंडपम में हुई एक धक्का-मुक्की की स्थिति देखने को मिली.किताबों और लेखकों के प्रति लोगों का अपार प्रेम साफ तौर पर दिखा, जब लोग अपने पसंदीदा लेखकों की झलक पाने या अपने पसंदीदा साहित्य की तलाश में जुटे रहे.पुस्तक प्रेमियों की यह भीड़ इस बात का संकेत है कि भारत में किताबों और साहित्य के प्रति रुचि और जागरूकता तेजी से बढ़ रही है.

2,000 से अधिक प्रकाशकों का उत्साहजनक भागीदारी

विश्व पुस्तक मेला 2025 में 2,000 से अधिक प्रकाशकों और प्रदर्शकों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई.पेंगुइन रैंडम हाउस, हार्पर कॉलिंस, ब्लूम्सबरी, राज कमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन जैसी प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी प्रकाशन कंपनियों ने इस मेले को और भी आकर्षक और व्यापक बनाया.यह आयोजन पुस्तक प्रेमियों के लिए एक आदर्श अवसर साबित हुआ, जहां उन्हें किताबों की विविधता, नवीनतम साहित्यिक रुझान और लेखकों से मिलकर एक अनूठा अनुभव प्राप्त हुआ.

साहित्यिक उत्सव का उत्साह

मेले का यह संस्करण न केवल पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अवसर था, बल्कि लेखकों और प्रकाशकों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मंच था.विभिन्न लेखकों ने अपनी नई कृतियों की प्रस्तुतियां दी, जबकि पाठकों ने उनकी किताबों से जुड़ी बातें और विचारों का आदान-प्रदान किया.यह कार्यक्रम साहित्यिक चर्चाओं और विचार-विमर्श के एक महोत्सव के रूप में उभरा, जिसने साहित्य के प्रति लोगों की श्रद्धा और आदान-प्रदान को और भी सशक्त किया.

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 ने भारत में किताबों और साहित्य के प्रति एक नई जागरूकता और उत्साह पैदा किया है.यह मेले में एक साथ मिलकर लेखकों, पाठकों और प्रकाशकों ने साहित्य के प्रति अपनी भावनाओं और विचारों को साझा किया.अगले वर्षों में इस तरह के और बड़े साहित्यिक उत्सवों की उम्मीद की जा रही है, जो भारतीय साहित्य को और ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे.

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