लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. इस बीच पंजाब के 'वारिस पंजाब दे' के चीफ अमृतपाल सिंह ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. फिलहाल ये असम की जेल में बंद हैं. अब इसी कड़ी में इन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से अपनी रिहाई की मांग की हैं. दरअसल अमृतपाल ने अस्थाई रिहाई की मांग की है ताकि वह लोकसभा चुनाव में नामांकन करने जा सके. अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत अभी जेल में बंद है. अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ रहा है.
फरवरी 2023 में अमृतपाल और उसके साथियों ने हथियारों से लैस होकर पंजाब के अजनाला में पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया और अपहरण और दंगे के आरोपी तूफान की रिहाई की मांग करते हुए अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गये. अमृतपाल के खिलाफ उनके एक पूर्व सहकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि इन सभी ने अजनाला से बरिंदर सिंह नाम के शख्स का कथित तौर पर अपहरण किया और फिर उसकी पिटाई की.
बता दें कि अमृतपाल ने लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने के लिए अपनी अस्थायी रिहाई की मांग करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि 8 मई को चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर पंजाब ने उपायुक्त-सह-जिला चुनाव अधिकारी, तरनतारन को निर्देशों के अनुसार जरुरी एक्शन लेने और याचिकाकर्ता को चुनाव लड़ने की सुविधा देने के लिए लिखा था. हालांकि, "आज तक पंजाब राज्य और जिला मजिस्ट्रेट, अमृतसर ने जानबूझकर देरी करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कोई और निर्देश जारी नहीं किया है कि याचिकाकर्ता लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल करने में सक्षम नहीं है."