Jalandhar: कनाडा-भारत में राजनयिक विवाद के मध्य कनाडा की तरफ से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के उपरांत पंजाब के हजारों वीजा आवेदन अटकते नजर आ रहे हैं. वहीं पंजाब से कनाडा जाने वाले छात्रों को इस संभावित दिक्कतों का भुगतना करना पड़ सकता है. जबकि पंजाब से प्रत्येक साल लगभग 2 लाख व्यक्ति कनाडा में स्टडी के साथ टूरिस्ट वीजा के तहत पहुंच जाते हैं. वहीं अब तक चंडीगढ़ कार्यालय में मैनुअल वीजा के कार्य पर रोक लगा दिया गया है, जिस बात का असर पंजाब के नागरिकों पर होने वाला है.
वहीं ये विवाद हाल ही में जून महीने में हुए खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर के मामले में भारतीय खुफिया एजेंसियों का नाम लेने पर कनाडाई पीएम जस्टिन त्रूदो के आरोप के उपरांत शुरू हुआ था. जिसके बाद राजनयिकों की वापसी कनाडा ने इसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया है.
इस पूरे मामले के बाद भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी करने का निर्णय कनाडा के ऐसे हजारों अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हो रहे हैं, जो बच्चों को कनाडा के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने की सोच रहे हैं. बता दें कि कपूरथला स्थित वीजा कंसल्टेंट दलजीत सिंह संधू ने बताया कि, वीजा आवेदनों की प्रक्रिया में देरी होने की वजह से प्रोसेसिंग का टाईम अधिक लग सकता है. जिसमें अभी तक करीबन 3 महीने लगने वाले हैं. जबकि हमेशा वीजा आवेदन की प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा 1 महीने का वक्त लगता है.
विद्यार्थी अब यूके में पढ़ाई जैसे विभिन्न विकल्प तलाश सकते हैं. वहीं सलाहकार के मुताबिक कई संभावित छात्रों के माता-पिता के मन में पहले से ही अपने बच्चों को कनाडा भेजने को लेकर डर बना हुआ है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि, उस देश में किसी प्रकार की नौकरियां नहीं हैं. जबकि मोगा निवासी जिया, कनाडा में सरे के एक निजी कॉलेज में आतिथ्य के पाठ्यक्रम में दाखिला ली है, उनका कहना है कि, कहीं न कहीं हर किसी के मन में भय है कि, भारत व कनाडा के मध्य मौजूदा हालात को देखते हुए अब क्या करना होगा, किन्तु उन्होंने उम्मीद जताई कि, उन्हें वीजा मिल सकता है. वहीं उसकी कक्षाएं जनवरी महीने से शुरू होने वाली हैं.