Punjab: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का निवासी शिवांशु अवस्थी अच्छी नौकरी की खोज में पंजाब के अमृतसर जा पहुंचा. इस दौरान वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास मौजूद एक गांव में पहुंच गया. जहां एक दंपति ने उसे अपने घर में नौकरी पर रख लिया. परन्तु ना तो उसे वेतन दिया जा रहा था ना ही उसे वहां से जाने की इजाजत थी. इस प्रकार से शिवांशु अवस्थी पीछले 7 महीनों से बंधुआ मजदूर बनकर जीवन यापन कर रहा था. इतना ही नहीं उसने भागने का प्रयास किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.
दरअसल इस पूरे मामले में शिवांशु अवस्थी ने बताया कि, वह अप्रैल 2023 में अमृतसर आया था. यहां उसे अच्छी नौकरी नहीं मिली तो वो नौकरी की तलाश करते- करते भारत-पाकिस्तान सीमा के पास पहुंच गया, जहां मोधाए गांव के एक दंपति ने उसे नौकरी पर रख लिया. वहीं दंपति ने उसे रहने खाने के अलावा सात हजार रुपए मासिक वेतन देने की बात भी कही थी. किन्तु उसे वेतन नहीं दिया जा रहा था. इतना ही नहीं जब वो भागने की कोशिश करने लगा तो उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही थी. वहीं उसने कई बार गांव के लोगों से भी इस बारे में बात की परन्तु उसकी किसी ने सहायता नहीं की.
वहीं बीते शुक्रवार की रात को घना कोहरा देखकर शिवांशु वहां से भागने की कोशिश कर रहा था. किन्तु वह गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करने लगा जिस घटना को बीएसएफ के जवानों ने देख लिया. जिसके बाद बीएसएफ के जवानों ने उसे अपने पास शरण दी. जिसके बाद शिवांशु के परिवार से संपर्क किया गया साथ ही उसे वापस ले जाने की बात बताई गई. वहीं बीएसएफ के जवानों को शिवांशु के भाई ने कहा कि, उसका भाई बीते अप्रैल से लापता है. तब से उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. बीएसएफ के जवानों ने शिवांशु को उसके परिवार से मिलाने के लिए पुलिस के हाथों सौंप दिया है. वहीं इस पूरे मामले में शिवांशु की शिकायत पर बंधक बनाने वाले दंपति के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है.