Punjab: पंजाब के मानसा के गांव कोटली के अग्निवीर अमृतपाल सिंह के मरने के बाद उनके अंतिम संस्कार के समय भारतीय सेना के गार्ड ऑफ ऑनर न देने के कारण विभिन्न दलों के नेता सरकार पर तंज कस रहे थे. वहीं अग्निवीर के पिता ने इस बात पर दुख जताया था. उनका कहना था कि, मैंने अपना बेटा अमृतपाल सिंह भारतीय सेना को दिया था, परन्तु हम नहीं जानते कि अग्निवीर क्या है. वहीं बीते दिन सीएम भगवंत मान ने अग्निवीर के घर पहुंच कर उनके परिवार से मुलाकात की है.
मिली जानकारी के मुताबिक सीएम भगवंत मान ने शहीद अग्निवीर अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे. इतना ही नहीं उन्होंने शहीद के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी. जबकि परिवार को हर संभव मदद की बात कही. इसके साथ ही मान ने कहा कि, अग्निवीरों को रेगुलर फौज में कर देना चाहिए. इतने हिम्मत वाले सैनिक बिना बात के खुदकुशी नहीं करते हैं.
आपको बता दें कि अमृतपाल के निधन के उपरांत उनके पार्थिव शरीर को सेना के वाहन के बजाय एक प्राइवेट एंबुलेंस में लाया गया था. जबकि सेना के दो जवान शव को छोड़ने के गांव पहुंचे थे. वहीं शव को छोड़ने के बाद वह वहीं से निकल गए. जिसके बाद परिवार ने उनसे पूछा कि अमृतपाल को कोई सैन्य सम्मान नहीं मिलेगा? इस पर उनका कहना था कि, अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती फौजी को शहीद का दर्जा नहीं है, इसलिए सैन्य सम्मान नहीं दिया जाएगा.
अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत को आतंकी घटना समझा जा रहा था. परन्तु गोली लगने से 2 दिन पूर्व ही सेना ने 2 आतंकियों को मार गिराया था. दरअसल शुरुआती के दिनों में ये कहा जा रहा था कि, अमृतपाल को आतंकियों की गोली लगी थी, जिसके बाद पूरे देश में इस बात का विरोध शुरू हो गया, तो आर्मी को इस बात पर अपना पक्ष रखना पड़ा. वहीं आर्मी ने इस घटना को आत्महत्या करार दे दिया है. सेना के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल X पर एक पोस्ट में लिखा कि, अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दरमियान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.