Punjab: पंजाब के भुलत्थ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने जांच कमेटी के निर्देशों पर हुई गिरफ्तारी और निचली कोर्ट ने हिरासत का समय बढ़ा दिया गया, जिसके बाद विधायक ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के तरफ कदम रखा है. वहीं खैहरा ने दावा कर बताया कि, मार्च वर्ष 2015 में दर्ज एक एफआईआर में उन्हें अवैध रूप से हिरासत में ले लिया गया है, उन्हें इस केस से आजादी दे देनी चाहिए.
आपको बता दें कि, ये मामला आर्म्स एक्ट के अतिरिक्त, NDPS के तहत दर्ज हुआ था. यदपि खैहरा ने अपनी मांग में बताया कि, उन्होंने अपने जीवन में गरिमा व सम्मान पाया है, वहीं अपने पूरे जीवन काल में सार्वजनिक सेवा करते आए हैं, परन्तु उन्हें स्पष्ट तरीके से असंगत, कष्टप्रद विचार, दुर्भावपूर्ण, राजनीति से प्रेरित, परोक्ष, घोर उत्पीड़न का शिकार बनना पड़ रहा है.
दरअसल खैहरा की ओर से हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई की बात कहते हुए बताया कि, साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अलावा अपराधी के तौर पर उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी. परन्तु साल 2015 के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने हिरासत में लिया था. इसके साथ ही वर्ष 2022 में उनकी जमानत हो गई थी. इसके उपरांत 2023 में शीर्ष अदालत ने ड्रग्स मामले में उनके खिलाफ समन भेजा, जिसके बाद अब बीते 28 सितंबर को पंजाब पुलिस ने उनके चंडीगढ़ स्थित घर पर जाकर उनको गिरफ्तार किया था.
गौरतलब है कि, इस दरमियान पूरे मामले में विधायक न्यायाधीश विकास बहल के पास सुनवाई के लिए जा पहुंचे, परन्तु उन्होंने सुनवाई करने से इनकार कर दिया था, और केस को मुख्य न्यायाधीश के पास वापस भेज दिया था. साथ ही उनका कहना था कि, एक वकील के तौर पर वह एक ऐसे केस में पेश हुए थे, जिसमें विधायक खैहरा रेस्पोंडेंट बने थे.