Punjab: पंजाब में डेरों में गायकों को गाना चाहिए या नहीं, इस बात को लेकर पंजाब के दो बड़े गायकों में बहस छिड़ गई है. बता दें कि गायक एवं सांसद-सूफी गायक हंसराज हंस एवं जसबीर जस्सी के मध्य जंग हो गई है. दरअसल जसबीर जस्सी ने सोशल मीडिया पर लगातार डेरों में जाकर गाना न गाने की चर्चा की. उनका कहना है कि ऐसा करने वालों का विरोध होना चाहिए. वहीं उनका सीधा निशाना हंसराज हंस की ओर था, जो नकोदर के लाल बादशाह डेरे के गद्दीशीन हैं. साथ ही दिल्ली से बीजेपी के लोकसभा सीट से सांसद हैं.
हंस को जस्सी की इस बात बहुत बुरा लगा तो, उन्होंने बताया कि वह जस्सी को समझाएंगे कि पुत्तर, कुछ सोचकर बोला करो. अगर कोई तुम्हें दरगाह वाला लेकर जाए कि, तुम वहां जाकर गाओ, तो आप कहो मैं वहां जाकर नहीं गाता. आगे कहा कि जब आज तक तुम्हें किसी ने बुलाया ही नहीं एवं तुम घर पर बैठ कर कहते हो कि, बड़े घरों में शादी हो रही है, मैं वहां नहीं जाऊंगा, दरअसल उन्होंने तो आमंत्रण ही नहीं दिया आपको. हंस ने बताया कि, घर बैठे तो मैं भी तय कर सकता हूं कि मैं कही नहीं गाऊंगा, मगर कोई व्यक्ति बुलाता ही नहीं तो गाना कहां है? जब किसी ने डेरे में बुलाया ही नहीं तो जस्सी बायकाट कैसे कर सकता है. इस पूरे मामले में दोनों ने जमकर एक दूसरे पर तंज कसा है.
दिल लै गई कुड़ी गुजरात दी गाना गाकर दर्शकों का प्यार बटोरने वाले जस्सी ने इस बयान वाली वीडियो पर कमेंट करके लिखा कि, हंसराज हंस जी कुदरत की ओर से नवाजे गए हैं. इतना ही नहीं एक बड़े कलाकार भी हैं. जबकि भाजी ने राजनीति में आकर अपना एवं संगीत की दुनिया का बहुत बड़ा नुक्सान किया है. उनका कहना है कि, भाजी को केवल गाना चाहिए. साथ ही लोगों को सिखाना चाहिए. मगर जस्सी ने तो 2 कदम आगे चलते हुए हंसराज हंस को सलाह दी है. गायकों को राजनीति की ओर नहीं जाना चाहिए. उन्हें केवल पंजाबी सभ्याचार एवं गायकी को आगे बढ़ाने की सोचनी चाहिए.