Punjab: सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले पर खींचतान में पंजाब सरकार ने एक आदेश दिया है कि, जल संसाधन विभाग के सारे इंजीनियरों से एसवाईएल नहर के ऊपर 1500- 2000 शब्द लिखने हैं. वहीं बीते 13 मार्च को जल संसाधन विभाग की तरफ से इंजीनियरों को एक लेटर देकर इंजीनियरों को एसवाईएल के साथ अंतरराज्यीय जल के बारे में लिखने को कहा क्योंकि उन्हे लगता है कि, अभी इसकी जानकारी उन लोगों के पास नहीं है.
इस पुरे मामले में राज्य सरकार ने अभी तक आदेश जारी नहीं किया है. वहीं विभाग के सारे इंजीनियरों को एसवाईएल के ऊपर 1500 से 2000 शब्द लिखने का आदेश मिल चुका है. जिसमें मौजूदा समझौता, विभाजन से पूर्व स्थिति, एसवाईएल का इतिहास, वर्तमान परिदृश्यस, भविष्य के ऊपर सुझाव मौजूद हैं. जबकि सरकार का साफ कहना है कि, एसवाईएल के बारे में इंजीनियरों की तरफ से लिखे जाने वाले ये नोट जल संसाधन विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट कहा कि, इस पोर्टल का सुप्रीम कोर्ट के एसवाईएल सर्वे से कोई संबंध नहीं है.
मिली जानकारी के अनुसार सीएम भगवंत मान ने एसवाईएल नहर के विषय में विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए बताया कि, नहर के लिए पंजाब को आवंटित भूमि के सर्वेक्षण की अनुमति देने के लिए सुखबीर बादल, सुनील जाखड़, प्रताप बाजवा को शर्म आनी चाहिए. वहीं दूसरे तरफ एसवाईएल नहर विवाद के मध्य (आप) आम आदमी पार्टी केंद्र की भेजी सर्वेक्षण टीम के आगमन को अस्वीकार किया है. इसके साथ ही एसवाईएल नहर के लिए भूमि के किसी भी सर्वेक्षण की अनुमति से साफ तौर पर इन्कार कर दिया है.
शिअद ने आरोप लगाया है कि, पंजाब के जल संसाधन विभाग के पोर्टल पर एक मॉड्यूल एसवाईएल नहर सर्वेक्षण का संकेत है. राज्य सरकार मॉड्यूल का बचाव करते हुए बताया कि इसे एसवाईएल नहर मुद्दे के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए लॉन्च किया गया था.