Punjab Government: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब ने अपनी औद्योगिक रणनीति और निवेश-अनुकूल नीतियों के माध्यम से देश में एक नई पहचान स्थापित की है. यह राज्य निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरा है, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के असंख्य अवसर पैदा कर रहा है. सरकार की नीतियां निवेशकों को लुभाने और व्यवसाय को सरल बनाने पर केंद्रित हैं. सस्ती बिजली, कुशल कार्यबल, मजबूत बुनियादी ढांचा, और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं राज्य को निवेश के लिए आदर्श स्थान बनाती हैं.
युवाओं के लिए यह बदलाव नई उम्मीदें लेकर आया है. विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते निवेश से उन्हें अपने कौशल का उपयोग करने और आर्थिक रूप से सशक्त होने के अवसर मिल रहे हैं. पंजाब अब केवल खेती के लिए नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास और नवाचार के लिए भी जाना जा रहा है.
पंजाब में निवेश विभिन्न क्षेत्रों में किया गया है. इनमें कृषि और फूड प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव, रसायन और टेक्सटाइल शामिल हैं. इसके अलावा, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, जापान और जर्मनी जैसे देशों की बड़ी कंपनियों ने भी यहां निवेश किया है. यह निवेश राज्य की औद्योगिक क्षमता को मजबूत कर रहा है और वैश्विक कंपनियों के लिए पंजाब को एक आकर्षक स्थान बना रहा है.
राज्य के जिलों में सबसे अधिक निवेश SAS नगर (मोहाली) को मिला है, जिसने 24,930 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया. लुधियाना 18,860 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है. अन्य जिलों में अमृतसर (5,805 करोड़ रुपये), पटियाला (5,190 करोड़ रुपये) और फतेहगढ़ साहिब (4,981 करोड़ रुपये) ने भी शानदार प्रदर्शन किया है.
1. पंजाब में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश का वितरण इस प्रकार है:
2. रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा: 30,651 करोड़ रुपये
3. मैन्युफैक्चरिंग:7,811 करोड़ रुपये
4. इस्पात उद्योग: 6,567 करोड़ रुपये
5. टेक्सटाइल इंडस्ट्री: 5,754 करोड़ रुपये
6. कृषि और फूड प्रोसेसिंग: 7,721 करोड़ रुपये
पंजाब सरकार निवेशकों के लिए सुविधाजनक माहौल प्रदान कर रही है. सस्ती बिजली (5 रुपये प्रति यूनिट), कुशल कार्यबल, मजबूत बुनियादी ढांचा और सरल प्रक्रिया जैसे कारक निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं. ‘इन्वेस्ट पंजाब’ पोर्टल के माध्यम से सिंगल विंडो क्लियरेंस प्रणाली ने उद्योगों की स्थापना को और आसान बना दिया है.