Punjab: पंजाब में बीते सोमवार को करीबन दूसरे दिन पराली जलाने के मामलों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहीं सूबे में 2060 जगहों पर पराली जलाई गई है. जबकि साल 2022 में आज के ही दिन 599 पराली जलाने के मामले पाए गए थे. इस वर्तमान समय में पराली जलाने के अभी तक के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 19463 हो गई है. दूसरी तरफ सोमवार को पंजाब के प्रमुख शहरों का एयर बहुत जहरीला पाया गया है.
सरकार के नियमों के विपरीत राज्य में सोमवार को भी अधिक पराली जलाई गई एवं 2060 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं. जिनमें सबसे ज्यादा 509 मामले संगरूर से दर्ज हैं. वहीं 89 पटियाला,77 मुक्तसर, 89 लुधियाना, 61 कपूरथला, 70 जालंधर, 189 बरनाला, 210 बठिंडा, 146 फिरोजपुर, 122 फरीदकोट, 110 मोगा, 195 मानसा 47 मामले तरनतारन से देखने को मिल रहे हैं.
बीते सोमवार को अमृतसर का एक्यूआई स्तर 316 के साथ बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. जबकि बठिंडा का 288, लुधियाना का 282, खन्ना का 225, जालंधर का 222, मंडी गोबिंदगढ़ का 256 एवं पटियाला का 219 बताया गया है.
वहीं किसान गुरनेब सिंह का बयान सामने आया है कि, पराली जलाना हमारा कोई शौक नहीं है, बल्कि मजबूरी है. सरकार की जो फैक्ट्रियां लगी हैं उन्हें बताकर पराली उठवाया जाए एवं इसका निर्णय निकाला जाए. जबकि पराली में हम आग लगाते हैं तो ये हमारी मजबूरी बन जाती है. हमारे दिल को बहुत दुख पहुंचता है कि हम ऐसा क्यों कर रहे हैं. हम किसी भी हाल में ये नहीं करना चाहते हैं. उनका कहना है कि, सरकार ने भले ही कुछ उपाय किए हो परन्तु अब तक यह कामयाब नहीं हुआ है. सरकार को इस मामले में तकनीकों का उपयोग करना चाहिए. इसके साथ ही किसानों को यंत्र एवं सब्सिडी दी जानी चाहिए. जिसके कारण पराली का हल निकल सके.