Sadak Suraksha Force: पंजाब सरकार द्वारा गठित किए गए सड़क सुरक्षा बल (SSF) ने तेजी के साथ काम शुरू कर दिया है. ये कदम यह पूरे पंजाब में सड़क सुरक्षा को यकीनी बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है. राजमार्गों पर आपातकालीन स्थितियों को संभालने के लिए बनाई गई SSF सिर्फ 6.5 मिनट के प्रतिक्रिया देकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही ही है. पंजाब की SSF सर्विस का प्रतिक्रिया देने वाला समय अपने आप में रिकॉर्ड है. क्योंकि आपातकालीन सेवाओं के लिए विकसित देशों की में यही समय 10 मिनट से ज्यादा का है.
90-दिनों के दौरान पंजाब में 4,901 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं हैं, जहां 3,078 पीड़ितों को फौरन प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया और 2,744 गंभीर रूप से घायल लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया. SSF की हाई-टेक टीम को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 144 अत्याधुनिक वाहनों से मुहैया कराए हैं ताकि लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके. इसमें 116 टोयोटा हिलक्स ट्रक और 28 स्कॉर्पियो एसयूवी शामिल हैं. ये गाड़ियां प्रत्येक राजमार्ग के 30 किलोमीटर के हिस्से पर गश्त करती है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा SSF को मुहैया कराई गई गाड़ियां अत्याधुनिक तकनीक से लेस हैं.
अत्याधुनिक सुविधाएं
राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों के 5,500 किलोमीटर के विशाल क्षेत्र को कवर करते हुए, 1,296 नए रूट्स समेत 1,728 अधिकारियों की SSF की तैनाती ने पहले ही असर दिखाना शुरू कर दिया है. इस फोर्स में 5,000 कर्मियों की तादाद बढ़ने वाली है, जो पंजाब के राजमार्गों की सुरक्षा में इसकी भूमिका को और मजबूत करेगा.
भ्रष्टाचार विरोधी और पारदर्शिता उपाय
पंजाब सरकार ने SSF में सख्त भ्रष्टाचार विरोधी उपाय भी शामिल किए हैं. सभी फील्ड अधिकारियों को बॉडी कैमरों से लैस किया जा रहा है ताकि संचालन के दौरान पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके. गतिविधियों की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक सेंट्रल कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा. SSF के सुचारू संचालन को यकीनी करने के लिए 29.5 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट पहले ही आवंटित किया जा चुका है.
चौबीसों घंटे तैनाती
SSF की टीमें 8 घंटे की शिफ्ट में 24/7 तैनात रहती हैं. गश्त करने वाली हर टीम में चार अधिकारी होते हैं, जिनका नेतृत्व ASI (सहायक उप-निरीक्षक) के पद से नीचे का अधिकारी नहीं करता. इसके अलावा तीन अधिकारियों वाले रोड इंटरसेप्टर, सड़क सुरक्षा की निगरानी करने और इमरजेंसी पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए हर जिले में तैनात हैं. आगे की सहायता प्रदान करने के लिए, SSF की टीमें रिकवरी वैन और CCTV निगरानी द्वारा चलने वाले रीयल-टाइम कमांड और कंट्रोल सेंटर से लैस हैं. ये दुर्घटनाओं और अन्य सड़क घटनाओं पर फौरन रिएक्शन को यकीनी बनाते हैं.
विशेष टीमें और तकनीक-प्रेमी संचालन
SSF को विशेषज्ञों की एक टीम का भी समर्थन हासिल है, जिसमें सड़क दुर्घटना जांच एक्सपर्ट्स, मैकेनिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर और IT के दिग्गज शामिल हैं. ये एक्सपर्ट्स तकनीकी और जांच सहायता प्रदान करते हैं. यह सुनिश्चित करते हुए कि हादसों को पूरी तरह से संबोधित किया जाए और निवारक उपाय तैयार किए जाएं.
SSF का विजन और उद्देश्य
SSF का गठन पंजाब सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य राज्य भर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भारी कमी लाना है. अकेले 2021 में 580 सड़क दुर्घटनाओं में 4,476 लोगों की जान चली गई था. इन घटनाओं से इस तरह के एक संगठन की सख्त जरूरत को बल मिलता है.