Wrestling Controversy: PM आवास के बाहर फुटपाथ पर अवॉर्ड रख लौटे बजरंग, खेल मंत्रालय ने कहा उनका निजी फैसला!

Wrestling Controversy: कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष के विरोध में बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है. इसके बाद खेल मंत्रालय ने कहा है कि यह उनका निजी फैसला है और उनसे इस पर विचार करने को कहा जाएगा.

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हाइलाइट्स

  • बजरंग ने पीएम आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार छोड़ा
  • संजय सिंह भी बृजभूषण के करीबी, पहलवानों शुरू किया विरोध करना

Wrestling Controversy: कुछ महीने पहले हरिद्वार जाकर अपने मेडल गंगा नदी में फेंकने की धमकी देने वाले भारत के दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया ने अब कुछ ऐसा किया है जिससे हर कोई हैरान है. इस साल जनवरी से भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ अभियान चला रहे बजरंग ने शुक्रवार, 22 दिसंबर को अपना पद्मश्री लौटाने की घोषणा की.

इस बार बजरंग ने न सिर्फ घोषणा की, बल्कि भारत सरकार द्वारा दिए गए इस सम्मान को लेने के लिए सीधे प्रधानमंत्री आवास भी पहुंच गए. जब पुलिस ने उन्हें वहां रोका तो स्टार पहलवान ने अपना पद्मश्री मेडल फुटपाथ पर रख दिया. पिछले 10 सालों से बजरंग पुनिया ने अपने दमदार प्रदर्शन से दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया था. उन्होंने 2018 वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. वह एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण, रजत और कांस्य जीत रहे थे.

बड़े आयोजनों में उनकी लगातार सफलता का नतीजा यह हुआ कि 2019 में भारत सरकार ने उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया, लेकिन निराशा और हताशा ने बजरंग को वही सम्मान उसी सरकार को लौटाने पर मजबूर कर दिया.

पद्मश्री रखा फुटपाथ पर

कुश्ती महासंघ के हालिया चुनाव नतीजों में बृजभूषण के किसी करीबी की एंट्री ने एक बार फिर पहलवानों को नाराज कर दिया है. इसका असर शुक्रवार को देखने को मिला, जब बजरंग ने एक लंबी चिट्ठी लिखकर ऐलान किया कि वह अपना पद्मश्री अवॉर्ड प्रधानमंत्री को लौटा देंगे. इस पत्र के बाद बजरंग पद्मश्री मेडल लेकर लोक कल्याण मार्ग स्थित पीएम आवास पहुंचे. जहां उन्हें सुरक्षाकर्मियों रोक दिया और अंदर जाने से मना कर दिया.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बजरंग को समझाने कि कोशिश

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बजरंग को समझाया कि उनके पास कोई अपॉइंटमेंट नहीं है और इसलिए उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ऐसे में बजरंग उनसे बार-बार अपना मेडल प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए कहते रहे. ऐसा भी नहीं हो सका और यहीं भावुक बजरंग ने दुखी मन से अपना पद्मश्री पुरस्कार फुटपाथ पर रख दिया. पुलिस अधिकारी उसे समझाते- मनाते रहे लेकिन बजरंग भी नहीं माना.

मुद्दा चुनाव के बाद एकबार फिर गर्माता हुआ

इस साल जनवरी से बजरंग ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों के साथ पूर्व महासंघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था. बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने और गिरफ्तार करने की मांग की गई. बृजभूषण को गिरफ्तार तो नहीं किया गया लेकिन उन्हें फेडरेशन से हटा दिया गया. पहलवानों की मांग पर बृजभूषण के रिश्तेदारों को भी चुनाव से दूर रखा गया. फिर कई बार टलने के बाद चुनाव हुए और संजय सिंह नये अध्यक्ष चुने गये. अब संजय सिंह भी बृजभूषण के करीबी निकले और ऐसे में पहलवानों ने फिर से विरोध शुरू कर दिया. इसी विरोध के चलते एक दिन पहले ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था.