Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक के 10 वें दिन भारत के लिए काफी अच्छा साबित हुआ. शनिवार को पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक F41 फाइनल में भारत के नवदीप सिंह सिल्वर मेडल जीते लेकिन फाइनल में नाटकीय प्रदर्शन के बीच ईरान के बेत सयाह सादेघ को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद भारत के नवदीप सिंह के रजत पदक को स्वर्ण में बदल दिया गया. पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में यह भारत का पहला गोल्ड मेडल है. हरियाणा के 23 वर्षीय पैरा-एथलीट, जो तीन साल पहले टोक्यो खेलों में चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 47.32 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किए.
सयाह ने अपने अंतिम से पहले थ्रो में 47.64 मीटर का नया पैरालम्पिक रिकार्ड बनाते हुए स्पर्धा में बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन अपनी हरकतों के कारण वह मेडल गंवा बैठे. अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियमों के अनुसार खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में किसी भी प्रकार का राजनीतिक संकेत देने से रोका गया है और सायाह को अनुचित आचरण के कारण अंतिम परिणाम से बाहर कर दिया गया.
नवदीप ने तोड़ा पैरालम्पिक रिकॉर्ड
प्रतियोगिता की शुरुआत फाउल से करने वाले नवदीप ने 44.29 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और 42.82 मीटर के सीज़न के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ प्रतियोगिता में प्रवेश किया था. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर का थ्रो किया, जिससे वे दूसरे स्थान पर पहुंच गए लेकिन यह उनका तीसरा थ्रो था जिसने स्टेडियम में हलचल मचा दी. नवदीप ने 47.32 मीटर की शानदार थ्रो के साथ पैरालम्पिक रिकॉर्ड तोड़ दिया और बढ़त बना ली, लेकिन सादेघ ने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर की थ्रो के साथ भारतीय रिकार्ड को बेहतर कर दिया. नवदीप को शुरू से ही चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी स्थिति को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया
कौन हैं नवदीप सिंह
11 नवंबर 2000 को जन्मे नवदीप सिंह भारत के एक अग्रणी पैरा-जेवलिन थ्रोअर हैं, जिन्होंने पैरा-एथलेटिक्स की दुनिया में उल्लेखनीय प्रभाव डाला है. उनकी यात्रा 2016 में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा से प्रेरित होकर शुरू हुई. कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वो खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए अडिग रहें. बता दें कि नवदीप शारीरिक विकलांगता भी है जिसके कारण उनकी लंबाई केवल 4 फीट 4 इंच है.
पुरुषों की F41 भाला फेंक कंपटीशन में भारत ने रचा इतिहास
पुरुषों की F41 भाला फेंक कंपटीशन में जितना नवदीप के लिए महत्वपूर्ण है उतना भारत के लिए भी है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत इससे पहले इस कंपटीशन में एक भी मेडल नहीं जीत पाया था. ऐसे में यह गोल्ड मेडल नवदीप के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो पुरुषों की F41 भाला फेंक स्पर्धा में भारत का पहला मेडल है. सोशल मीडिया पर लोग उनकी प्रतिबद्धता और दृढ़ता की सराहना कर रहे हैं. बता दें कि नवदीप ने पांच राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीते और दुबई में 2021 फ़ैज़ा अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में एक अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल हासिल किया है.