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कपिल देव को मारने गए थे युवराज के पिता, लेकिन इस वजह से नहीं दबाया ट्रिगर, खुद किया चौंकाने वाला खुलासा

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह अकसर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक चौकाने वाला खुलासा किया. योगराज ने बताया कि एक बार वह गुस्से में बंदूक लेकर कपिल के घर पहुंचे थे और उन्हें मारने का इरादा था.

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Courtesy: social media

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह अकसर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक चौकाने वाला खुलासा किया. योगराज ने बताया कि एक बार वह गुस्से में बंदूक लेकर कपिल के घर पहुंचे थे और उन्हें मारने का इरादा था. 

टीम इंडिया के पूर्व स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. पुरानी घटनाओं को याद करते हुए हाल ही में उन्होंने एक चौकाने वाला खुलासा किया. योगराज ने बताया कि एक बार वह गुस्से में बंदूक लेकर कपिल के घर पहुंचे थे और उन्हें मारने का इरादा था. लेकिन कपिल देव की मां के कारण उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और उनके घर से वापस लौट आए.

कपिल देव को मारने गए थे योगराज

योगराज सिंह ने "अनफिल्टर्ड बाय समदीश" में बातचीत के दौरान खुलासा किया कि एक समय ऐसा आया जब वह कपिल देव को सबक सिखाने के लिए बंदूक लेकर उनके घर पहुंच गए थे. योगराज ने बताया, कपिल देव जब भारत, उत्तरी क्षेत्र और हरियाणा के कप्तान बने, तो उन्होंने मुझे बिना किसी वजह के टीम से बाहर कर दिया. मेरी पत्नी ने कहा कि मुझे कपिल से जवाब मांगना चाहिए. गुस्से में मैंने अपनी पिस्तौल निकाली और सेक्टर 9 में उनके घर पहुंच गया. कपिल अपनी मां के साथ बाहर आए. मैंने गुस्से में उन्हें कई बार खरी-खोटी सुनाई और कहा, तुम्हारी वजह से मैंने एक दोस्त खो दिया है, और इसका खामियाजा तुम्हें भुगतना पड़ेगा.

योगराज ने नहीं चलाई गोली

योगराज ने बताया कि उन्होंने कपिल देव को गोली नहीं मारी, क्योंकि उनकी मां की मौजूदगी ने उन्हें रुकने पर मजबूर कर दिया. योगराज ने कहा, "मैनें कपिल से कहा, मैं तुम्हारे सिर में गोली मार सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि तुम्हारी मां यहा खड़ी है." इसके बाद गुस्से के बावजूद मैं अपनी पत्नी के साथ लौट आया. 

योगराज सिंह ने खेले कुल 7 इंटरनेशनल मैच

योगराज सिंह ने कुल 7 इंटरनेशनल मैच खेले, लेकिन उनका क्रिकेट करियर अपेक्षाकृत छोटा और संघर्षपूर्ण रहा. युवराज सिंह के पिता बनने के बावजूद, वे एक बड़े क्रिकेटर नहीं बन सके. उन्होंने भारत के लिए 1 टेस्ट मैच खेला, जिसमें एक विकेट लिया, और 6 वनडे मैचों में 4 विकेट हासिल किए. योगराज ने 1980 में वनडे डेब्यू किया और 1981 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा, लेकिन दुर्भाग्यवश, उसी साल उनका अंतरराष्ट्रीय करियर भी समाप्त हो गया.

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