Paytm Layoff: ये साल भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए अच्छा नहीं रहा है. इसका ताजा उदाहरण पेटीएम है. पेटीएम एक बार फिर से गलत कारणों से चर्चा में है. पेटीएम ने अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को कॉस्ट कटिंग के नाम पर बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पेटीएम के इस कदम को किसी भी भारतीय स्टार्टअप में हुआ अब तक का सबसे बड़ा ले ऑफ माना जा रहा है.
ईकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों के भीतर पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने 1000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है. पेटीएम की विभिन्न यूनिट के कर्मचारी इस ले ऑफ के शिकार हुए हैं और उन्हें अपनी नौकरी गँवानी पड़ी है.
ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अपनी कॉस्ट कम करने के लिए और अपने विभिन्न व्यवसायों को नए सिरे से व्यवस्थित करने के लिए पेटीएम ने ये कदम उठाया है.
इस साल के अंत में हुए पेटीएम के ले ऑफ को भारतीय स्टार्टअप के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी छटनी माना जा रहा है. हालांकि ये साल स्टार्टअप कंपनियों के लिहाज से कुछ ठीक नहीं था. 2023 में पहली तीन तिमाहियों में भारतीय स्टार्टअप ने 28 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की. जबकि इससे पहले साल 2022 में 20 हजार से ज्यादा और 2021 में 4 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था.
पिछले कुछ समय से पेटीएम शेयर बाजार में भी लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है. पिछले एक महीने में पेटीएम के शेयर में करीब 28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इतना ही नहीं, बीते 6 महीने में इसका भाव 23 फीसदी से ज्यादा डाउन है. इसके साथ ही दिसंबर की शुरुआती दिनों में पेटीएम के स्टॉक में भी लोअर सर्किट हुई थी. इसके बाद अब 10 फीसदी वर्क फोर्स के कम होने के बाद कंपनी के शेयर पर और बुरा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है.
पेटीएम की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. कुछ समय पहले ही आरबीआई ने अनसिक्योर्ड लोन पर नियामकीय सख्तियां की, जिसका असर पेटीएम पर भी हुआ. आरबीआई की सख्ती के बाद पेटीएम ने अपने कई सुविधाओं को बंद कर दिया. पेटीएम ने स्मॉल टिकट कंज्युमर लेंडिंग और बाय नाउ, पे लेटर बिजनेस को बंद कर दिया.
इसके बाद अब जो छटनी हुई है उसे लेकर ये कहा जा रहा है कि पेटीएम ने जिन सेगमेंट्स को बंद किया है , उन्हीं सेगमेंट्स के कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.