कब मनाया जाएगा पुत्रदा एकादशी?
अत्यंत शुभ और फलदायी व्रत
पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है. यह व्रत मुख्य रूप से संतान प्राप्ति, उनकी दीर्घायु और सुखद जीवन के लिए रखा जाता है.
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वर्ष में दो बार
हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत वर्ष में दो बार आता है. पहला सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी. दूसरा पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी.
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एकादशी कब है
इस बार पौष पुत्रदा एकादशी 9 जनवरी दोपहर 12:22 बजे से शुरू हो रही है. इसकी समाप्ति 10 जनवरी सुबह 10:19 बजे होगी.
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क्यों रखा जाता है एकादशी व्रत
यह व्रत संतान सुख प्राप्ति और उनके जीवन में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है.
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संतान संबंधी इच्छाएं
जो महिलाएं विधि-विधान से व्रत करती हैं, उनकी संतान संबंधी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
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भगवान विष्णु की पूजा
भगवान विष्णु की पूजा उनके मंत्रों का जाप और व्रत कथा का पाठ इस दिन विशेष फलदायी माना गया है.
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इस मंत्रा का जाप करें
इस दिन सभी माताओं को ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए.
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केवल संतान के लिए नहीं
पुत्रदा एकादशी केवल संतान की कामना के लिए ही नहीं, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है
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