Urdu Shayari: बहुत से ख़्वाब देखोगे तो आँखें, तुम्हारा साथ देना छोड़ देंगी


2024/08/06 14:16:42 IST

ख़याल

    तिरे ख़याल के हाथों कुछ ऐसा बिखरा हूँ, कि जैसे बच्चा किताबें इधर उधर कर दे

Credit: सोशल मीडिया

मक़ाम

    ये किस मक़ाम पे लाई है मेरी तन्हाई, कि मुझ से आज कोई बद-गुमाँ नहीं होता

Credit: सोशल मीडिया

परिंदे

    थके-हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटें,सलीक़ा-मंद शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है

Credit: सोशल मीडिया

नशा

    भरे मकाँ का भी अपना नशा है क्या जाने,शराब-ख़ाने में रातें गुज़ारने वाला

Credit: freepik

आँसू

    क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता,आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता

Credit: pinterest

ब'अद

    मैं उस को आँसुओं से लिख रहा हूँ,कि मेरे बअद कोई पढ़ न पाए

Credit: pinterest

फ़ासले

    जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से,कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो

Credit: pinterest

View More Web Stories