Urdu Shayari: इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें,इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़-दार में


2024/09/01 12:14:42 IST

दाग़ देहलवी

    दिल ले के मुफ़्त कहते हैं कुछ काम का नहीं, उल्टी शिकायतें हुईं एहसान तो गया

Credit: सोशल मीडिया

जिगर मुरादाबादी

    आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर कम किसी से मिलता है

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आज़ाद अंसारी

    हम को न मिल सका तो फ़क़त इक सुकून-ए-दिल,ऐ ज़िंदगी वगर्ना ज़माने में क्या न था

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दाग़ देहलवी

    जिन को अपनी ख़बर नहीं अब तक,वो मिरे दिल का राज़ क्या जानें

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ज़ेब ग़ौरी

    दिल है कि तिरी याद से ख़ाली नहीं रहता,शायद ही कभी मैं ने तुझे याद किया हो

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निदा फ़ाज़ली

    दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती,ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती

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ज़ेब ग़ौरी

    दिल है कि तिरी याद से ख़ाली नहीं रहता,शायद ही कभी मैं ने तुझे याद किया हो

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