Urdu Shayari: वो दिल ले के ख़ुश हैं मुझे ये ख़ुशी है,कि पास उन के रहता हूँ मैं दूर हो कर
साहिर लुधियानवी
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ, मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
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शकील बदायूनी
अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे,बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
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ख़ुमार बाराबंकवी
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास,सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
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आज़ाद गुलाटी
एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी,एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया
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साहिर लुधियानवी
अरे ओ आसमाँ वाले बता इस में बुरा क्या है, ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएँ
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अहसन मारहरवी
मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है,ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है
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अब्दुल हमीद अदम
मैं बद-नसीब हूँ मुझ को न दे ख़ुशी इतनी,कि मैं ख़ुशी को भी ले कर ख़राब कर दूँगा
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