Urdu Shayari: मुझे अब तुम से डर लगने लगा है,तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या


2024/09/04 14:26:35 IST

ख़ुमार बाराबंकवी

    ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को,ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं

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अकबर इलाहाबादी

    इश्क़ के इज़हार में हर-चंद रुस्वाई तो है,पर करूँ क्या अब तबीअत आप पर आई तो है

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जोश मलीहाबादी

    एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के,एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है

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कमाल अहमद सिद्दीक़ी

    पुर्सिश-ए-हाल भी इतनी कि मैं कुछ कह न सकूँ,इस तकल्लुफ़ से करम हो तो सितम होता है

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तनवीर सामानी

    क्यूँ न तनवीर फिर इज़हार की जुरअत कीजे,ख़ामुशी भी तो यहाँ बाइस-ए-रुस्वाई है

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फ़रहत एहसास

    शाइरी को मिरा इज़हार समझता है मगर,पर्दा-ए-शेर उठाना भी नहीं चाहता है

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नील अहमद

    सीने से दिल निकाल के हाथों पे रख दिया, मैं ने तो बस कहा था कि धड़कन का शोर है

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कुमार विकास

    हाए इज़हार कर के पछताए,उस को इक दोस्त की ज़रूरत थी

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