क्या अकबर ने कराया था रामायण का फारसी में अनुवाद?
महर्षि वाल्मीकि
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि हैं. रामजी के वनवास से लौटने के बाद रामायण की रचना हुई.
रामचरित मानस
तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण का नाम रामचरित मानस है.
गंगा-जमुनी तहजीब
भारत ऐसा मुल्क है जो गंगा-जमुनी तहजीब कि मिसाल पेश करता है.
मजहब
यहां लोग मजहब के नाम पर मतभेद करने के बजाय एकजुट होते हैं.
अल्लामा इकबाल
अल्लामा इकबाल की पंक्ति ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’ को भारत चरितार्थ करता है. इसलिए भारत को राम-रहीम का मुल्क और मजहबों का गुलदस्ता कहा जाता है.
भगवान श्रीराम
यहां हिंदू गुरु गोविंद की वंदना भी करते हैं, सिख मोहम्मद के बारे में भी जानते हैं और मुसलमान भगवान श्रीराम की जीवनगाथा भी जानते हैं.
रामायण का तर्जुमा
तभी तो विभिन्न भाषाओं के साथ ही रामायण का तर्जुमा (अनुवाद) फारसी में भी किया गया है.
मुगल सम्राट अकबर
मुगल सम्राट अकबर के आदेश पर मुल्ला अब्दुल कादिर बदायुनी ने पहली बार रामायण का 1591 में फारसी भाषा में अनुवाद किया.
प्रकांड विद्वान
ये फारसी, अरबी और उर्दू भाषा के साथ संस्कृत के भी प्रकांड विद्वान थे.
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