चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है...पढ़े साहिर लुधियानवी के मोहब्बत भरे शेर..
तक़दीर
ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा, इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा
ग़ुरूर
चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है,जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है
क़रीब
दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ, याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ
ख़ुदारा
भूले से मोहब्बत कर बैठा, नादाँ था बेचारा, दिल ही तो है, हर दिल से ख़ता हो जाती है, बिगड़ो न ख़ुदारा, दिल ही तो है
मोहब्बत
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें, हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
महक
साँसों में घुल रही है किसी साँस की महक, दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें
हवाएँ
तरस रहे हैं जवाँ फूल होंट छूने को, मचल मचल के हवाएँ बुला रही हैं तुम्हें
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