परेशाँ है वो झूटा इश्क़ कर के...पढ़ें फहमी बदायूनी शेर...


2024/02/13 18:23:34 IST

आसान था इलाज मिरा

    पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा, कितना आसान था इलाज मिरा

ख़त लिक्खा

    मैं ने उस की तरफ़ से ख़त लिक्खा, और अपने पते पे भेज दिया

काँप रही थीं ये उँगलियाँ

    ख़ुशी से काँप रही थीं ये उँगलियाँ इतनी, डिलीट हो गया इक शख़्स सेव करने में

सर्कस में नौकरी कर ली

    ख़ूँ पिला कर जो शेर पाला था, उस ने सर्कस में नौकरी कर ली

पहलू से उठ नहीं

    जब तलक क़ुव्वत-ए-तख़य्युल है, आप पहलू से उठ नहीं सकते

तिरी ख़ाली जगह

    टहलते फिर रहे हैं सारे घर में, तिरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं

मुँह फेर कर गुज़रना

    काश वो रास्ते में मिल जाए, मुझ को मुँह फेर कर गुज़रना है

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