ये शुक्र है कि मिरे पास तेरा ग़म तो रहा..पढ़ें गुलज़ार के शेर..


2024/01/06 22:31:54 IST

लिबास

    ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है, दर्द दिल का लिबास होता है

सन्नाटे

    देर से गूँजते हैं सन्नाटे, जैसे हम को पुकारता है कोई

बे-क़रार

    रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले, क़रार दे के तिरे दर से बे-क़रार चले

राख

    राख को भी कुरेद कर देखो, अभी जलता हो कोई पल शायद

साल

    वो उम्र कम कर रहा था मेरी, मैं साल अपने बढ़ा रहा था

अजनबी

    वो एक दिन एक अजनबी को, मिरी कहानी सुना रहा था

धुआँ

    आँखों के पोछने से लगा आग का पता, यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ

View More Web Stories